बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार जरूरी : रत्ना चौधरी

झारखंड
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  • किशोरावस्था में उत्पन्न होने वाले दुर्गुणों को नियंत्रित करने पर दो दिवसीय कार्यशाला

रांची। किशोरावस्था में बच्‍चों में शारीरिक के साथ मानसिक परिवर्तन तेजी से होते हैं। इस  बदलाव के दौर में बच्चों को माता-पिता का साथ नहीं मिलने पर उनके हाव-भाव बदलते हैं। इस परिवर्तन के दौर में माता-पिता की भूमिका भी परिवर्तित होती है। उन्हें बच्चों के अभिभावक की भूमिका के साथ उनसे मित्रवत व्यवहार करना ही उचित है, ताकि समंजस्य बना रहे। किशोरों के आचरण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े। उक्त बातें लायन्स क्वेस्ट की नेशनल ट्रेनर रत्ना चौधरी ने कहीं। वह रांची के होटल ग्रीन होराइजन में लायन्स ईस्ट के तत्‍वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन पर बोल रहे थीं।

कार्यशाला में किशोरावस्था में उत्पन्न होने वाले दुर्गुणों को नियंत्रित करने पर चर्चा की जा रही है। इसमें प्राचार्या श्रीमती नीता सिंह के नेतृत्व में लिटल विंगस स्कूल के 25 शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भाग ले रही हैं। कार्यशाला में बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच सही ताल मेल बैठाने के गुर भी बताए गए।  इस कार्यशाला का आयोजन लायन्स जिला 322A की क्वेस्ट चेयरपर्सन वंदना मिश्रा की देखरेख में गुलशन वाधवा एवं रामकृष्ण के सहयोग से किया गया है।

ज्ञात हो कि लायन्स इंटेरनेशनल ‘लायन्स क्वेस्ट’ के माध्यम से युवाओं के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है। कार्यशाला में जिलापाल राजेश गुप्ता ‘पवन’, पूर्व जिलापाल राजीव लोचन, कैबिनेट सचिव संजय पोद्दार, लायन्स ईस्ट की अध्यक्ष  अनुपमा लोचन, दिवाकर राजगढ़िया, चंद्रकांत रायपत, अंजना गतानी, रामकृष्ण आदि उपस्थित थे।