रांची। गोस्सनर महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में जनकवि नागार्जुन की जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर विभिन्न संकाय के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
मौके पर हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ हाराधन कोईरी ने कहा कि नागार्जुन कबीराना अंदाज के कवि है। उनकी कविताओं में कबीर जैसी निर्भीकता और अखड़ता देखने को मिलती है। वे सच्चे अर्थों में जन मन के कवि हैं।
विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रशांत गौरव ने कहा कि नागार्जुन की कविता सूक्ष्म ऐन्द्रिय बोध की हैं। उनकी कविता मनुष्य बनने में मदद करती हैं। संचालन करते हुए प्रो सचिन तोपने ने नागार्जुन की साहित्य साधना पर बात रखीं।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ वर्षा शालिनी कुल्लू किया। इस अवसर प्रो. ध्रुपद चौधरी, डॉ अब्दुल बासित, डॉ विनोद राम सहित स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थी मौजूद थे।
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