नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने 65 साल से ऊपर के कैदियों को सरेंडर करने के आदेश को स्थगित करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और जेल महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 26 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका वकील अमित साहनी ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि 65 साल से ज्यादा के कैदियों को कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा है। 65 साल के ऊपर के लोगों को दूसरी बीमारियां भी होती हैं, जिसकी वजह से कोरोना का संक्रमण होने की संभावना रहती है। याचिका में कहा गया है कि 65 साल से ऊपर के कैदियों को बाकी कैदियों के सरेंडर करने के बाद ही सरेंडर करने का आदेश दिया जाए।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की जेलों की स्थिति ऐसी नहीं है कि कोरोना संक्रमित कैदी को एक कमरा या बैरक उपलब्ध कराई जा सके। दिल्ली की जेलों में एक ही कमरे या बैरक में कई कैदियों को रखा जाता है। दिल्ली की जेलों में करीब दस हजार कैदियों के रखने की क्षमता है। फिलहाल दिल्ली की जेलों में 14 हजार कैदी रखे गए हैं । जिन कैदियों को पेरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है, उनकी संख्या करीब चार हजार है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना काफी कठिन काम है। ऐसे में अगर 65 साल से ऊपर के कैदियों को सरेंडर करने के आदेश पर अमल किया जाता है तो स्थिति बिगड़ सकती है।