बीएयू में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधकों ने देखी लाभकारी कृषि तकनीकी

झारखंड
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  • बैंकिंग प्रोजेक्ट में स्थानीय अनुकूल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की जरूरत : कुलपति

रांची। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी हितकारकों की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं। इसे आगे बढ़ाने में नाबार्ड भी प्रयास कर रहा है। झारखंड के किसानों की आय में बढ़ोतरी स्थानीय अनुकूल प्रौद्योगिकी से ही किया जा सकता है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधकों को कृषि गतिविधियों में इसे विशेष प्राथमिकता देने की जरूरत है। प्रदेश के किसानों के हित में बीएयू नाबार्ड को कृषि तकनीकी जानकारी एवं प्रशिक्षण मामले में हर संभव सहयोग करेगा। जिले में कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से नाबार्ड की कृषि विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाये जा सकते है। उक्त बातें बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने विवि पदाधिकारी एवं नाबार्ड के प्रतिनिधियों के अंतरमिलन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।

इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एए पाधी ने विवि में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधकों का भ्रमण को अध्ययन का बेहतर अवसर बताया। इसे बैंकिंग प्रोजेक्ट की तैयारी एवं निष्पादन में मददगार होने की बात कही। उन्होंने विवि के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर जिले में कृषि सबंधी प्रोजेक्ट एवं प्रशिक्षण में सहयोग लेने की बात कही। नाबार्ड के महाप्रबंधक एलेक्सेंडर एनी ने इस भ्रमण को लाभकारी कृषि तकनीकी, बैंकिंग प्रोजेक्ट एवं प्लान बनाने तथा नाबार्ड के कृषि विस्तार गतिविधियों को बेहतर करने का बढ़िया मौका कहा।

मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने नाबार्ड द्वारा बैंकिंग प्रोजेक्ट में समन्वित कृषि प्रणाली को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आने वाला समय इसी प्रणाली पर केंद्रित होगा। इसके बिना किसानों की आय में बढ़ोतरी की गति धीमी सी है। प्रदेश में बैंक सेक्टर को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

इससे पहले नाबार्ड में कार्यरत प्रदेश के जिला विकास प्रबंधकों के दल ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि, पशुपालन व वानिकी संकाय का भ्रमण किया। दल ने विवि में झारखंड में कृषि क्षेत्र में संभावनाओं और किसानों की आय बढ़ाने के लाभकारी कृषि तकनीकी के बारे में जाना।

मौके पर गृह विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन, उद्यान विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ संयत मिश्रा ने बागवानी फसलों की प्रौद्योगिकी के बारे में बताया। पशु चिकित्सा संकाय के वैज्ञानिक डॉ रविन्द्र कुमार ने बकरी पालन एवं सूकर पालन प्रौद्योगिकी से लाभ, डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने पशुधन एवं कुक्कुट पालन की तकनीकी, प्रबंधन एवं लाभ की जानकारी दी।

कृषि अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ प्रमोद रॉय ने कृषि के नवाचार प्लास्टिक कल्चर तकनीक से आधुनिक प्रणाली तथा प्रसार शिक्षा विभाग के वैज्ञानिक डॉ बीके झा ने कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी संचार के क्षेत्र में बीएयू की पहल से अवगत कराया। दल ने मृदा विभाग में जैव उर्वरक एवं जीवाणु खाद तथा वानिकी संकाय में समन्वित कृषि प्रणाली के मॉडल को भी देखा। भ्रमण कार्यक्रम एवं समारोह का संचालन डॉ बीके झा और धन्यवाद एसआर पांडा ने दी। मौके पर आरके त्रिपाठी, डॉ प्रमोद रॉय भी मौजूद थे।