उत्तर प्रदेश। विदेशी बाजारों में अब उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों में उजपी सब्जियां मिलने लगी है। यहां की हरी मटर और रामनगरभंटा (गोल हरा बैंगन) वाली सब्जियों की एक खेप को मंगलवार को एयरइंडिया एक्सप्रेस के विमान से शारजाह के लिए रवाना किया गया।
इस खेप को वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना किया गया। इसे कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष और केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें 1000 किलोग्राम कार्गो शामिल था, जिसमें हरी मटर और रामनगरभंटा जैसी सब्जियां थीं।
वाराणसी हवाई अड्डे से सीधा निर्यात शुरू हो जाने के बाद अब वाराणसी हवाई अड्डे से कृषि उत्पादों का और भी अधिक निर्यात करने का मार्ग प्रशस्तज हो गया है। इनमें वाराणसी क्षेत्र एवं उसके आसपास के क्षेत्रों के जीआई उत्पादों का निर्यात करना भी शामिल है।
पहले वाराणसी स्थित हवाई अड्डे पर सीधा निर्यात करने के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं थीं, जिस वजह से यहां के निर्यातक या तो लखनऊ या दिल्ली के जरिए ही अपना निर्यात करने के लिए विवश रहते थे। ढुलाई की अतिरिक्त लागत आने एवं स्थानीय ढुलाई में लगने वाले काफी समय और निर्यात संबंधी संचालन के कारण संबंधित उपज के खराब हो जाने की आशंका को देखते हुए यहां से निर्यात को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा था। विशेष रूप से मौजूदा कोविड-19 स्थिति को देखते हुए आवाजाही सही ढंग से नहीं हो पा रही थी। एफपीओ को अपनी उपज बेचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
एपीडा द्वारा किए गए अनेक ठोस उपायों को जारी रखने के साथ-साथ ‘वाराणसी एक कृषि निर्यात हब’ परियोजना को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया के अच्छेस नतीजे निकलने शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने के साथ-साथ निर्यात बढ़ाने के प्रयासों को भी नई गति मिल रही है।
महामारी के दौरान एपीडा ने किसानों को निर्यात करने के लिए अपनी उपज की आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए। इससे वाराणसी क्षेत्र से कई निर्यात शिपमेंट को लखनऊ और दिल्ली के जरिए सफलतापूर्वक भेजना संभव हो पाया। इस क्षेत्र के निर्यातकों और एफपीओ को संबंधित उपज की प्राप्ति के लिए निर्यातकों के साथ-साथ घरेलू बाजारों जैसे कि बेंगलुरू, मुंबई, दिल्ली इत्याकदि से भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलनी शुरू हो गई है।
• वाराणसी के आम और सब्जियों को लंदन एवं दुबई के बाजार से जोड़ा गया।
• गाजीपुर की हरी सब्जियों को लंदन एवं दुबई के बाजार से जोड़ा गया।
• चंदौली के क्षेत्रीय चावल को कतर से जोड़ा गया।