उत्तर प्रदेश। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शराब के शौकीनों को झटका दिया है। घर में शराब रखने की सीमा तय कर दी है। इससे अधिक शराब रखने के लिए लाईसेंस लेना होगा। इसका प्रावधान नई आबकारी नीति में किया गया है।
योगी कैबिनेट ने शराब को लेकर कई अहम फैसले किए गए हैं। निजी प्रयोग या पर्सनल बार के लिए भी निर्धारित फुटकर सीमा तय कर दी है। इससे अधिक शराब रखने पर लाइसेंस लेने का प्रावधान कर दिया गया है। आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा।
इसके लिए निर्धारित शर्तो के अधीन प्रत्येक वर्ष 12,000 रुपये लाइसेंस फीस और प्रतिभूति धनराशि 51,000 रुपये जमा करनी पड़ेगी। नई नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर में सिर्फ 6 लीटर शराब खरीदने, परिवहन या निजी कब्जे में रखने की सीमा निर्धारित है। इससे अधिक शराब रखने पर आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि योगी सरकार ने आबकारी विभाग के वर्ष 2020-21 के 28,300 करोड़ रुपये के सापेक्ष वर्ष 2021-22 में करीब 6 हजार करोड़ अधिक 34,500 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है। इसके चलते, ‘देशी मदिरा, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप की वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस में 7.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। बीयर की फुटकर दुकान लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
श्री भूसरेड्डी ने कहा कि नई नीति के तहत प्रदेश में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में उत्पादित फल से प्रदेश में निर्मित शराब आगामी पांच वर्ष के लिए प्रतिफल शुल्क से मुक्त होगी। विंटनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी।