हॉक आई विमान से किया गया गाइडेड बम का टेस्ट

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एंटी​ ​एयर​फील्ड हथियार ​100 किमी​. की गति से दुश्मन को नष्ट ​करने में सक्षम
​वायु सेना में शामिल होने पर ​इसे राफेल के साथ एकीकृत करने की योजना

नई दिल्ली​​।​ हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स​​ ​​लिमिटेड ​(एचएएल) ने ​​गुरुवार को ओडिशा के तट से ​​​​हॉक-आई विमान से ​भारत ​के पह​ले पूर्ण ​​स्वदेशी एंटी​ ​एयर​फील्ड हथियार ​​(​​साव​​) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया​​। ​यह एक तरह का ​गाइडेड बम है ​जो 100 किमी​. की गति से दुश्मन की संपत्ति को नष्ट ​कर सकता है। नौसेना और वायु सेना के लिए ​इस ​​स्मार्ट ​हथियार को खरीद​ने के लिए सरकार सितम्बर, 2020 में मंजूरी दे चुकी है​।​ भारतीय ​​वायु सेना में शामिल होने पर ​इसे राफेल के साथ एकीकृत करने की योजना है।

स्वदेशी हॉक-आई कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए​ ​स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन का परीक्षण किया​ गया है​।​ एचएएल ​के ​परीक्षण पायलटों​ रिटायर्ड विंग कमांडर पी अवस्थी और ​रिटायर्ड​ ​विंग कमांडर​​ ​एम पटेल ने ​​​हॉक-आई विमान से​ उड़ान भरी और वेपन का परीक्षण किया। एचएएल ने कहा कि ​परीक्षण ने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। टेलीमेट्री और ट्रैकिंग सिस्टम ने ​मिशन ​के दौरान सभी ​घटनाओं ​को दर्ज करके ​परीक्षण ​को सफल करार दिया​।​ इस स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ​(डीआरडीओ) के ​रिसर्च सेंटर इमरत ​ने विकसित किया है। ​​विमान ​हॉक-एमके 132 से​ ​स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन ​का यह पहला परीक्षण किया गया है।
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एचएएल की ओर से आधिकारिक बयान में बताया गया है कि ​स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (​​साव​​) उन्नत, सटीक प्रहार करने वाला हथियार है, जिसका इस्तेमाल 125 किलोग्राम श्रेणी के हमले में किया जाता है। 100 किलोमीटर (62 मील) की सीमा तक उच्च सटीकता के साथ जमीनी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इसे डिज़ाइन किया गया है। स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन 100 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन की एयरफ़ील्ड संपत्ति जैसे रडार, बंकर, टैक्सी ट्रैक, रनवे को नष्ट करने में सक्षम है। इस वेपन का पहले जगुआर विमान से सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।​ यह एक तरह का निर्देशित बम है, जो मिसाइल या रॉकेट की तुलना में बहुत सस्ता होगा। भारतीय वायु सेना में शामिल होने पर इस हथियार को राफेल के साथ एकीकृत करने की योजना है।

इस परियोजना को 2013 में भारत सरकार ने अनुमोदित किया था। हथियार का पहला सफल परीक्षण मई, 2016 में किया गया था। इसके बाद नवम्बर, 2017 में एक और सफल परीक्षण किया गया था। इसके बाद दिसम्बर, 2017 में तीन सफल परीक्षण किए गए। इसके बाद 16 और 18 अगस्त 2018 के बीच तीन सफल परीक्षण किए गए, जिससे कुल परीक्षणों की संख्या आठ हो गई।​​ यानी स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन का आज किया गया 9वां परीक्षण था। भारत सरकार ने सितम्बर, 2020 में नौसेना और वायु सेना के लिए ​स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (​​साव​​) की खरीद को मंजूरी दी थी। विकासात्मक परीक्षण पूरे होने के बाद ऑपरेशनल टेस्ट किये जायेंगे, जिसके बाद स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन नौसेना और वायु सेना को उपयोग के लिए मिलेगा।