डोभा निर्माण में मशीन का उपयोग करने पर बीडीओ पर जुर्माना

झारखंड मुख्य समाचार
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  • डीडीसी ने संबंधित योजना को किया रद्द
  • अनियमितता करने वालों से होगी वसूली

पलामू। मनरेगा अंतर्गत डोभा निर्माण में मशीन का उपयोग करने पर बीडीओ सहित कई अफसरों पर जुर्माना लगाया गया है। डीडीसी ने संबंधित योजना को रद्द कर दि‍या है। मनरेगा राशि की अनियमितता करने वालों से राशि की वसूली की जाएगी।

उपायुक्त को शिकायत मिली थी

जिले के विश्रामपुर प्रखंड की बघमनवा पंचयात के ग्राम गौरा में जागा पासवान के खेत में डोभा निर्माण में मशीन से कार्य कराये जाने की शिकायत मिली थी। इसके बाद उपायुक्त शशि रंजन के निर्देश पर डीडीसी शेखर जमुआर ने बड़ी कार्रवाई की। उक्त योजना को रद्द कर दिया। सभी संबंधितों के विरुद्ध जिला द्वारा पूर्व से निर्धारित दर पर Proportionate Liability  निर्धारित करते हुए इसमें व्यय की गयी राशि की वसूली करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा उन्होंने संबंधित मेट को तत्काल प्रभाव से चयन मुक्त करते हुए भविष्य में किसी भी मनरेगा की योजना में मेट के रूप में चयन नहीं किया जाए संबंधित आदेश भी जारी किया है।

जांच में पुष्टि होने पर कार्रवाई

मनरेगा योजना में अनियमितता बरतने की शिकायत मिलने के बाद उप विकास आयुक्त ने जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया। उक्त जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर सभी संबंधितों पर कार्रवाई की गयी।

संबंधितों से मांगा स्पष्टीकरण

डीडीसी ने संबंधित मेट, ग्राम रोजगार सेवक, पंचायत सचिव, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, मुखिया एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी से एक सप्ताह में स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सहायक अभियंता पर मनरेगा अधिनियम की धारा 25 के तहत एक हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। उप विकास आयुक्त ने विश्रामपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी पर भी योजनाओं का निरीक्षण और पर्यवेक्षण नहीं करने के आरोप में एक हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया।

राशि की वसूली की जाएगी 

उप विकास आयुक्त ने कहा कि मनरेगा में अनियमितता बरतने वालों से व्यय की गई संपूर्ण राशि सूद के साथ वसूली जायेगी। संबंधित मेट, संबंधित ग्राम रोजगार सेवक, संबंधित पंचायत सचिव एवं संबंधित कनीय अभियंता एवं मुखिया पर एक हजार-एक हजार का आर्थिक  दंड लगाया गया है। डीडीसी ने बताया 39,188 रुपये का व्यय किया गया था। खर्च की गई राशि पर 4703 रुपये का ब्याज लगाया गया है। संलिप्त पांच पदाधिकारियों पर 5 हजार का आर्थिक दंड लगाया गया है। वसूलनीय राशि 48,891 रुपये है। डीडीसी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को स्पष्टीकरण सहित वसूलनीय राशि एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं करने पर सभी संबंधित के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।