खूंटी। रविवार की छुट्टी का सदुपयोग जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने किया। अब किसानों के दिन बहुरेंगे। उपायुक्त समेत एसडीएम हेमंत सती, बीडीओ प्रदीप भगत, सीओ शंभू राम, थानेदार विक्रांत कुमार ने बोरीबांध के निर्माण में श्रमदान किया। श्रमदान करने मुरहू के हांसा पंचायत के गजगांव पहुंचे डीसी ने कहा कि जिले में बन रहे बोरीबांध के मॉडल और इसमें हो रही ग्राम सभाओं की भागीदारी गेम चेंजर है। इसके मल्टीपल फायदे हैं, जो साफ दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने गजगांव में चार साल पहले सीमेंट-बालू और कंक्रीट से बने पक्के चेक डैम की ओर इशारा करते हुए कहा कि गजगांव में चार ऐसे चेकडैम बनाये गए हैं। ये मिट्टी कटाव के कारण ध्वस्त हो गए हैं। हालांकि बोरीबांध विव-विन सिचुएशन है।
कच्चा बांध काफी फायदेमंद
डीसी ने कहा कि पक्का डैम की तुलना में कच्चा बांध काफी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि दिसंबर में बोरीबांध में छह से आठ फीट पानी है, जो मार्च-अप्रैल तक रहेगा। ग्रामीण इन बोरीबांधों से लौकी, तरबूज, स्वीट कॉर्न आदि की खेती करेंगे। मवेशियों को पानी मिलेगा। लोगों को नहाने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि बोरीबांध से आर्थिक के साथ सामाजिक फायदे हो रहे हैं।
24 घंटे में एक फीट पानी नीचे जाएगा
डीसी ने कहा कि बोरीबांध में जिस पानी का ठहराव हुआ है, वह 24 घंटे में एक फीट नीचे जाएगा। जो भूगर्भीय जलस्तर को बढ़ावा देने में बड़ा सहायक होगा। उन्होंने कहा कि मुरहू नाले पर अब तक नौ बोरीबांध बनाये जा चुके हैं, जो गांवों के आर्थिक विकास में बड़ा सहायक होगा।
25 एकड़ खेत हो सकती है सिंचाई
मुरहू प्रखंड के गजगांव में सेवा वेलफेयर सोसाईटी, जिला प्रशासन और क्षेत्र की ग्राम सभाओं के संयुक्त तत्वावधान में जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत सीरियल बोरीबांध बनाये गए हैं। अब इस बोरीबांधों के पानी से लगभग 25 एकड़ भूमि की सिचाई हो सकती है। किसान खेती करने की तैयारियों में जुट गए हैं। रविवार को बने बोरीबांध निर्माण में जिले के अधिकारियों के साथ पुलिस के जवान और ग्रामसभा के लोगों ने संयुक्त रूप से श्रमदान किया। इसमें सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष, मुखिया विलशन पूर्ति, ग्रामप्रधान बेंजामिन पूर्ति, कृषक मित्र इलिसबा पूर्ति, चाईल्ड लाईन के सुशील सोय, चमराटोली के मिथलेश प्रसाद, मसीह चरण हेरेंज, जोतो पूर्ति, पोसेया पूर्ति, मांगा पूर्ति, महादेव पूर्ति, जोरोंग पूर्ति, संदीप पूर्ति समेत संपूर्ण ग्रामसभा के लोगों ने श्रमदान किया।
पक्के चेकडैम मलवे में तब्दील
गजगांव की ग्राम प्रधान बेंजामिन पूर्ति ने कहा बोरीबांध पक्का चेकडैम से ज्यादा फायदेमंद है। गांव लंगभग एक करोड़ रुपये की लागत से बने चार चेकडैम धंसकर अब मलवे में तब्दील हो गए हैं। हालांकि काफी कम लागत से बोरीबांध का निर्माण करने से पूरे गर्मी गांव के लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। पशु-पक्षियों को पानी मिलता है। इस वर्ष गांव के लोग गरमा फसलों की खेती करेगे।