किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग और पूरा मूल्य दिलाएगी सरकार

झारखंड मुख्य समाचार
Spread the love

  • ग्रामीण कारीगर और महिला समूहों के उत्पादित वस्तुओं के विपणन को लेकर सरकार उठा रही कदम
  • मुख्यमंत्री ने नाबार्ड को सहकारिता और कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भागीदारी निभाने को कहा

रांची। राज्य के हर क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। यहां के जिले की अपनी-अपनी खासियतें हैं। खनिज के अलावा कृषि, पशुपालन, मछली पालन, पर्यटन, खेल, कला संस्कृति आदि क्षेत्रों में झारखंड में असीम संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र को विकसित कर अपने राज्य को काफी आगे ले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 24 दिसंबर को नाबार्ड के तत्‍वावधान में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देकर राज्य के विकास के मार्ग को बेहतर तरीके से प्रशस्त किया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने झारखंड के लिए नाबार्ड का फोकस पेपर जारी किया। उन्होंने कहा कि इस फोकस पेपर में जिन चीजों का जिक्र किया गया है, उससे राज्य के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

उत्पादों को बढ़ावा देगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसान और महिला समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इस बाबत झारक्राफ्ट की ओर से पलाश ब्रांड के जरिए इन उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं को मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बेचने के लिए भी सरकार कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग को भी राज्य में बढ़ावा दिया जाएगा।

कई योजनाएं शुरू की गई

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने कई योजना चलाई। इसका फायदा लोगों को मिल रहा है। अब कई नई योजनाओं को शुरू करने की तैयारी हो चुकी है। इन योजनाओं की कार्य योजना बना ली गई है। इससे राज्य को विकास के क्षेत्र में आगे ले जाने की कोशिश कामयाब होगी। कोरोना संक्रमण से निपटने की दिशा में उठाए गए कदमों से हमारे द्वारा शुरू की गई योजनाएं आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा। कोरोना काल में जिन्होंने बेहतर कार्य किया है, उसका आकलन होगा। ऐसे में अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमने जो कार्य योजना बनाई है, उसमें किसान, मजदूर और गरीबों के कल्याण का विशेष ध्यान रखा गया है।

बैंक आमदनी का हिस्सा राज्य में खर्च करें

मुख्यमंत्री ने बैंकों को सुझाव दिया कि के यहां से जो आमदनी करते हैं, उसका ज्यादातर हिस्सा इस राज्य के विकास में खर्च करें। राज्य के विकास में बैंकों का अहम योगदान है। ऐसे में बैंकों को चाहिए कि सरकार के साथ हर कदम पर सहयोग करें, ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके।

नाबार्ड के कार्यों की सराहना की

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में नाबार्ड के द्वारा विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इन गतिविधियों के माध्यम से किसान, श्रमिक, सहकारी संस्थाओं, पशु पालकों आदि को ऋण और अनुदान देकर स्वावलंबी बनाया जा रहा है। ग्रास रूट पर जरूरतमंदों को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है। इसके अलावा सरकार को सलाह देने में भी अहम भूमिका रहा है। नाबार्ड ने विकास कार्यों के अधिकतर हिस्से को छुआ है। ऐसे में इसका योगदान काफी सराहनीय है। इस मौके पर नाबार्ड ने राज्य में चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

फोकस पेपर का महत्‍व बताया

नाबार्ड के मुख्‍य महाप्रबंधक आशीष कुमार पाढ़ी ने कृषि और ग्रामीण ऋण पर स्थूल-दृष्टिकोण तैयार करने में नाबार्ड की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने झारखंड में बैंकों के लिए एसएलबीसी द्वारा वार्षिक ऋण योजना तैयार करने के लिए नाबार्ड के राज्य फोकस पेपर के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री पाढ़ी ने झारखंड के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के तहत वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नाबार्ड के 28643.64 करोड़ रुपये की क्रेडिट क्षमता के आकलन पर प्रकाश डाला। उन्होंने क्रेडिट फ्लो में उप-क्षेत्रीय रुझानों, एग्री के विकास के लिए रोड मैप और संबद्ध क्षेत्रों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकता आदि के बारे में दर्शकों को सूचित किया। श्री पाढ़ी ने झारखंड में नाबार्ड द्वारा की गई पहल की जानकारी दी। उन्‍होंने ने राज्य सरकार और सभी बैंकों से नाबार्ड के राज्य फोकस पेपर में क्रेडिट अनुमानों की वास्तविकता के धरातल पर उतारने  के लिए ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।

मिलकर काम करने की अपील

बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ ओएन सिंह ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की। झारखंड में किसानों और कृषि समुदाय के कल्याण के लिए सभी हितधारकों से मिलकर काम करने की अपील की।

KCC संतृप्ति अभियान में योगदान के लिए जिला विकास प्रबंधक (DDM) के साथ अग्रणी जिला प्रबंधक (LDM) और राज्यस्तरीय FPO पुरस्कार समारोह में किसानों को सम्मानित किया।

सेमिनार में वित्त विभाग के प्रधान सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत कुमार, भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक संजीव दयाल समेत कई अधिकारी मौजूद थे।