- एमएसएमई पार्क बनने से मिलेगा हजारों को रोज़गार
लखनऊ। सूबे के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट की 10 मार्च को बैठक में लिये गये निर्णयों में औद्योगिक पार्क बनाये जाने के प्रस्ताव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए मूलभूत आवश्यकता भूमि उपलब्धता है। प्रदेश के उद्यमियों द्वारा औद्योगिक पार्क, क्लस्टर विकसित किये जाने की निरन्तर मांग की जा रही है, जिसके प्रति प्रदेश सरकार गम्भीरता से कार्य कर रही है।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसी कताई मिलें व टेक्सटाइल मिले हैं, जो बन्द पड़ी हैं। इन मिलों की निष्प्रयोज्य पड़ी भूमि पर उद्योग स्थापित होने से इसका सदुपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी मिलों की जनपद बाराबंकी में 69.86 एकड, रायबरेली में 58.66 एकड़ और मऊनाथ भंजन (मऊ) में 84.27 एकड़ जमीन निष्प्रयोज्य पड़ी थी। इन 3 कताई मिलों के ऊपर लगभग 351.63 करोड़ रुपए की देनदारियां भी थी, जिसमें से 329.49 करोड़ रुपए शासकीय देनदारी थी।
जनपद रायबरेली एवं मऊनाथ भंजन (मऊ) स्थित कताई मिलों की भूमि पर एमएसएमई औद्योगिक पार्क का विकास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा यूपीएसआईसी के माध्यम से कराया जायेगा। जनपद बाराबंकी में स्थित कताई मिल की भूमि का उपयोग औद्योगिक विकास विभाग द्वारा यूपीसीडा के माध्यम से आईटी एवं आईटीईएस पार्क विकसित करने में किया जायेगा।
मंत्री ने कहा कि मऊ में बंद पड़ी कताई मिल की जमीन पर औद्योगिक पार्क बनने से मऊ की खुशहाली एवं समृद्धि में चार चांद लगेंगे। वहां के हजारों लोगों को रोज़गार मिलेगा।