तमिलनाडु। विचलित कर देने वाली खबर तमिलनाडु के विल्लुपुरम से आयी है। यहां संचालित एक आश्रम की आड़ में चल रही अनैतिक गतिविधियों के भंडाफोड़ ने सबको हैरान कर दिया है। अंबूज्योथि आश्रम से एक एनजीओ की मदद से पुलिस ने 142 निराश्रित लोगों का रेस्क्यू किया है। इनमें 109 पुरुष, 33 महिलाएं और एक लड़का शामिल हैं। ये वो लाचार हैं, जो मानसिक तौर पर बीमार हैं और सड़कों पर अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर रहे थे। इन्हें आश्रम में रखा गया था।
पुलिस ने आश्रम में छापा मारने के बाद 13 फरवरी को यहां के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें वॉर्डन मुथुमारी, कम्यूटर ऑपरेटर गोपीनाथ, अटेंडेंट अय्यप्पन और ड्राइवर बीजू शामिल हैं।
इस होम केयर सेंटर में रहने वालों ने पुलिस को दिल दहलाने वाली आपबीती बताई है। एक चश्मदीद ने एनजीओ को बताया कि ओडिशा की एक लड़की विल्लुपुरम में भीख मांगती थी। उसे रेस्क्यू करके आश्रम में रखा गया था। 5 साल तक उसके साथ रेप होता रहा। उसे पीटा गया और चुप रहने की धमकी दी गई।
इन लोगों का रेस्क्यू कराने वाले एनजीओ सोशल अवेयरनेस सोसाइटी फॉर यूथ की एक वॉलिंटियर आर ललिता ने बताया कि जब कोई महिला रेप का विरोध करती थी, तो उसे खूंखार बंदरों से कटवाया जाता था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आश्रम के प्रमुख ने पिंजरे में खतरनाक बंदर पाल रखे थे। विरोध जताने वाली महिलाओं को वो खिड़की ग्रिल से बांधकर रखता था।
जो महिला विरोध करती, उसे लोहे की छड़ों से पीटा जाता था। बंदरों से कटवा दिया जाता था। बंदरों को पहरेदारी पर बैठा देता था। आरोप है कि लाचार महिलाओं को नींद की गोलियां देकर उनके साथ रेप किया जाता था। टीम को यहां से जो रिकॉर्ड मिला, उसमें 15 मिसिंग हैं।
हैरानी की बात है कि 2005 से किसी भी अफसर ने इस आश्रम की चेकिंग नहीं की। जिस बिल्डिंग में ये आश्रम चल रहा है, वो भी सरकारी डॉक्यूमेंट में रजिस्टर्ड नहीं है। शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि आश्रम के पास एक वैन है, जिसके जरिये वो विल्लुपुरम के आसपास भटकने वाले लोगों को उठा लेता था।
चौंकाने वाली बात यह है कि यहां विजिट पर आने वाले लोगों को दिखाने ठीक लोगों का भी मुंडन करा दिया जाता था, ताकि वे मानसिक बीमार लगें। इस कार्रवाई के बाद आश्रम में रहने वाले राजस्थान, बंगला, कर्नाटक ओडिशा आदि के लोगों को गायब कर दिया गया है।
इस आश्रम की पोल अचानक से खुली। हुआ यूं कि सलीम खान नामक शख्स ने अपने ससुर को दिसंबर 2021 में विल्लुपुरम के इस प्राइवेट केयर होम में भर्ती कराया था, लेकिन अगस्त में जब वे उनसे मिलने पहुंचे, तो वे वहां नहीं थे। इस पर शनिवार (12 फरवरी) को शिकायत के बाद अधिकारियों की एक टीम ने आश्रम का निरीक्षण किया था।
इस मामले में आश्रम के मालिक बी जुबिन और उनकी पत्नी मारिया सहित 4 पर रेप और विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आश्रम की वेबसाइट के अनुसार इसका स्लोगन है-WE BRING BACK THEIR SMILE and HAPPINESS( हम उनकी मुस्कान और खुशी वापस लाते हैं) लेकिन हकीकत कुछ और निकली। आश्रम अपनी वेबसाइट पर लिखता है कि उसका उद्देश्य इसकी देखभाल के लिए सौंपे गए सभी लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। विशेष रूप से निराश्रित और मानसिक रूप से बीमार इस घर में अधिक देखभाल के साथ सुरक्षित हैं।