jharkhand : सभी स्कूलों को 3 दिसंबर तक मनाना है संविधान सप्ताह, करने हैं ये कार्यक्रम

झारखंड शिक्षा
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रांची। झारखंड के सरकारी निजी सहित सभी स्कूलों को 3 दिसंबर तक संविधान सप्ताह मनाना है। इस दौरान हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम करने हैं। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक किरण कुमारी पासी ने इसकी जानकारी 25 नवंबर को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी को दी है।

निदेशक ने पत्र में लिखा है कि संविधान सप्ताह सभी सरकारी विद्यालय, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय, निजी विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, बीएसएफ, कैंट बोर्ड, रेलवे के स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे।

कार्यक्रम में विद्यालय के सभी बच्चों, शिक्षकों एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भाग लेना अनिवार्य है।

इस अवसर पर देश के संविधान में वर्णित तथ्यों के आधार पर विभिन्न गतिविधि, प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन स्कूल स्तर पर किया जाएगा।

सभी विद्यालयों में संविधान सप्ताह कार्यक्रम के प्रभावी आयोजन एवं संचालन की पूर्ण जवाबदेही संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक और शारीरिक शिक्षा शिक्षक की होगी।

विद्यालय के प्रातः कालीन सभा के दौरान 3 दिसंबर तक हर दिन संविधान की उद्देशिका का उद्बोधन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

सभी कार्यक्रम और प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय स्तर पर कक्षा 1 से 5, 6 से 8 और 9 से 12 के आधार पर तीन वर्गों में किया जाएगा।

विद्यालय स्तर पर उपरोक्त सभी वर्ग की प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा।

प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की सूची विद्यालय प्रबंधन द्वारा जिला शिक्षा परियोजना परिषद को उपलब्ध कराया जाएगा। जिला परियोजना कार्यालय उक्त सूची परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएगा।

ये कार्यक्रम किए जाने हैं

28 नवंबर को भाषण (विषय : संविधान दिवस कब क्यों और कैसे)

29 नवंबर को नाटक (विषय : महिलाओं का संवैधानिक अधिकार, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ)

30 नवंबर को चित्रकला (विषय : कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका)

1 दिसंबर को क्वीज (विषय : भारत का संविधान)

2 दिसंबर को निबंध (विषय : भारत संविधान के पिता)

3 दिसंबर को स्लोगन (विषय : मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य)