रांची। सरकारी पद का दुरुपयोग, अपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए सुनियोजित ढंग से वित्तीय अनियमितता करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में पेयजल विभाग के दो अभियंताओं के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने हरेन्द्र कुमार मिश्रा (तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, पश्चिमी सिंहभूम) और दीप नारायण साहा (तत्कालीन सहायक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता अवर प्रमंडल, हाटगम्हरिया) के विरुद्ध धारा- 420/409/467/468/471/120-बी के तहत अभियोजन स्वीकृत्यादेश दिया है।
अभियंताओं के खिलाफ पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा जिलांतर्गत हाटगम्हरिया थाना कांड (संख्या-28/2016, दिनांक-19.10.2016) भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 420/409 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है। वर्तमान में कांड का अनुसंधान जारी है। अनुसंधान के क्रम में भारतीय दंड विधान की अन्य धाराओं को जोड़ा गया है।
यह है आरोप
अनुसंधान के क्रम में यह बात प्रकाश में आई है कि प्राथमिकी अभियुक्तों द्वारा लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत परमसाई गांव में योजना राशि प्राप्त करने के बाद कार्य को अधूरा रखा। खराब गुणवत्ता, एकरारनामा के अनुसार सामानों को नहीं लगाने और योजना के अंतर्गत निर्गत राशि की निकासी कर गबन किया गया है।
प्राथमिकी अभियुक्तों पर सरकारी पद का दुरुपयोग, अपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए सुनियोजित ढंग से वित्तीय अनियमितता करते हुए सरकारी राशि गबन करने का आरोप है।
मालूम हो कि पूर्व में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने अनिल कुमार सिंह (तत्कालीन अंचल अधिकारी, हेहल, रांची) के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी है।
अनुसूचित जनजाति, अनसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पलामू थाना (कांड संख्या 10/2021) के प्राथमिकी अभियुक्त मनोज कुमार, सहायक, जिला कल्याण कार्यालय, पलामू एवं सुभाष कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी, पलामू के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम, 2018) की धारा-7 (ए) के तहत अभियोजन स्वीकृत्यादेश दी है।
अरविंद कुमार (तत्कालीन अध्यक्ष, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग), आरएन सिंह, सदस्य (अभियंत्रण), और गौरव बुधिया (प्रोपराईटर, मेसर्स बिहार फाउंडरी एंड कास्टिंग लिमिटेड) के एवं अन्य के विरुद्ध निगरानी जांच कराये जाने की स्वीकृति दी है।