जमशेदपुर। टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) के 15वें बैच का दीक्षांत समारोह जमशेदपुर के कुडी महंती सभागार में 10 अक्टूबर को हुआ। स्नातक बैच में देश भर के 11 राज्यों के 23 कैडेट शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाइस प्रेसिडेंट (कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील सह चेयरमैन, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट टीएफए) चाणक्य चौधरी थे। उन्होंने कहा, ‘मैं 2022 के स्नातक बैच के प्रत्येक सदस्य को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए अपनी हार्दिक बधाई देना चाहता हूं। यह वास्तव में, उनके लचीलेपन की पुष्टि है और यह दीक्षांत समारोह खेल के अनुशासन के प्रति उनके धैर्य, समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। खेल हमेशा टाटा स्टील के राष्ट्र-निर्माण के दर्शन का अभिन्न अंग रहा है।‘
उल्लेखनीय है कि कुल 252 कैडेटों ने अब तक टीएफए से स्नातक किया है, जिनमें से 148 कैडेटों ने अब तक देश का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, 24 कैडेटों ने विभिन्न आयु वर्ग प्रतियोगिताओं में भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी की है।
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के मौजूदा सीजन में टीएफए के 21 पूर्व कैडेट अलग-अलग क्लबों के लिए खेल रहे हैं। पूर्व कैडेट दीपक मंडल और सुब्रत पॉल को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
अपने ताज में एक और हीरा जड़ते हुए, टीएफए को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा फोर स्टार एक्रेडिटेशन रेटिंग में अपग्रेड किया गया है। इस प्रतिष्ठित क्लब को पहले ही ‘भारतीय फुटबॉल में निरंतर योगदान’ के लिए सम्मानित किया जा चुका है। एआईएफएफ द्वारा किसी संस्थान को पहली बार इस तरह की मान्यता प्रदान की गई है। ग्लोबल सॉकर कॉन्क्लेव द्वारा अपने वर्चुअल कार्यक्रम में भारतीय फुटबॉल में योगदान के लिए टीएफए को ‘द हॉल ऑफ फेम – यूथ डेवलपमेंट अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया है।
भारतीय फुटबॉल के इतिहास में एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब 17 जनवरी 1987 को टाटा स्टील के तत्कालीन चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक रूसी मोदी ने जमशेदपुर में टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) की स्थापना की। अकादमी का उद्देश्य सबसे वैज्ञानिक तरीके से देश भर के नवोदित फुटबॉलरों का चयन, पोषण और उन्हें तैयार करना है।