काबुल। दिल दहला देने वाली खबर काबुल से आयी है। बम विस्फोट से काबुल एक बार फिर दहल उठा। शुक्रवार को काबुल में वजीर मोहम्मद अकबर खान मस्जिद के पास एक ब्लास्ट हुआ। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकूर के मुताबिक धमाका तब हुआ, जब नमाजी मस्जिद से बाहर निकल रहे थे। इसमें आम नागरिकों को निशाना बनाया गया है।
खबर के अनुसार फिलहाल सुरक्षा बल काबुल में घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने टोलो न्यूज को बताया कि यह धमाका मैग्नेटिक बम से किया गया था। इमरजेंसी एनजीओ ने अपने ट्वीट में मरने वालों की संख्या 14 बताई है।
सितंबर की शुरुआत में इसी तरह के एक बम ब्लास्ट में हेरात शहर की गुजारगाह मस्जिद को निशाना बनाया गया था। इस विस्फोट में मुजीब-उल रहमान अंसारी की भी मौत हो गई थी जो एक प्रमुख मौलवी थे।
पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान की पश्चिम- समर्थित सरकारों की आलोचना के लिए अंसारी को पूरे अफगानिस्तान में पहचाने जाते थे।
इसी तरह अगस्त के मध्य में काबुल में नमाज के दौरान हुए विस्फोट में 20 लोग मारे गए थे। इस विस्फोट में सैकड़ों लोगों के घायल होने की भी खबर थी। धमाका इतना जबरदस्त था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई।
माना जा रहा था कि इस धमाके के पीछे इस्लामिक स्टेट का हाथ है, क्योंकि काबुल में हुए कई धमाकों में इस्लामिक स्टेट की भूमिका सामने आई है। तालिबान के अधिकारी शुरू से ही अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट की मौजूदगी से पल्ला झाड़ते रहे हैं। इसके बावजूद यह खूंखार आतंकी समूह अफगानिस्तान में लगातार अपनी जड़ें जमा रहा है।