सुप्रीम कोर्ट से भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा को बड़ी राहत; पैगंबर मोहम्मद केस में गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर यह आयी है कि भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनके कथित नफरत भरे बयान और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने के संबंध में कार्रवाई करने और उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अबू सोहेल से कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ उनकी याचिका किसी तरह का नुक़सान पहुंचाने वाली नहीं लग रही है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इसके बाद सोहेल ने अपनी याचिका वापस ले ली।

अधिवक्ता ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

याचिका में तर्क दिया गया कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अश्लील टिप्पणी की और इसलिए उसने घटना की ‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’ के लिए निर्देश मांगा, जिससे उसकी तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित हो सके।

याचिका में नूपुर शर्मा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा गया था कि उनके बयान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 26 और 29 और अन्य मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं।

वकील ने कहा, ‘नूपुर शर्मा के अवांछनीय शब्दों ने देश और दुनिया भर में भारी अशांति और हंगामा खड़ा कर दिया है और हमारे महान राष्ट्र की छवि खराब कर दी है।

नूपुर शर्मा की टिप्पणी ने हमारे संवैधानिक निर्माताओं के धर्मों के बीच सद्भाव पैदा करने के इरादे से अनुचित और अवैध विचलन पैदा किया और सीधे हमारे राष्ट्र के मूल लोकाचार को प्रभावित किया, जो कि धर्मनिरपेक्ष विचारों के आधार पर स्थापित है।’