नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े बहुचर्चित शेल कंपनी मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में आंशिक सुनवाई हुई। जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच में सुनवाई हुई। बेंच में जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुभाष धुलिया शामिल हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार का पक्ष रखते हुए अदालत से समय की मांग की। अदालत सिब्बल की मांग के मद्देनजर 24 मई को मामले की अगली सुनवाई मुकर्रर की है।
इधर, झारखंड हाईकोर्ट में भी इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को दिन के 11 बजे तय की गई है। यहां बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई हुई थी, जिसमें अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका होने का हवाला देते हुए कोई फैसला नहीं लेने का अनुरोध अदालत से किया था। इसके साथ ही विभिन्न पक्षों ने अपना पक्ष रखा था।
जानें पूरा मामला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर झारखंड हाईकोर्ट में 32 शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध कमाई को वैध करने का आरोप है। इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल समेत अन्य लोगों के खिलाफ याचिका दायर की गयी है। वहीं, एक अन्य याचिका माइनिंग लीज से संबधित है, जहां सीएम हेमंत के नाम पर अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटित करने का आरोप लगा है।
मामले में सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में चल रही है। इसी दौरान सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी, जहां याचिका खारिज करने की मांग की गयी है। मामले में सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, मुकुल रहतोगी समेत अन्य ने पक्ष रखा।
यहां बता दें कि पिछले दिनों मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां कोर्ट में ईडी ने पक्ष रखते हुए माइनिंग लीज आवंटन में आईएएस पूजा सिंघल की अहम भूमिका बतायी थी। झारखंड हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होने वाली है।