पूर्णिया। सेप्टिक टैंक की सफाई करने मजदूर अंदर गया था। उसका दम घुटने लगा तो उसे निकालने मकान मालिक अंदर गया। फिर उसका दामाद भी अंदर गया। उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग जमा हुए। सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। यह घटना बिहार के पूर्णिया जिले में 5 मई को हुई।
स्थानीय निवासी अली खान के मुताबिक पूर्णिया शहर के सहायक खजांची थाना अंतर्गत माधोपारा रिजवान मस्जिद के पास सेप्टिक टैंक साफ करने बनमनखी का मजदूर रमेश यादव अंदर गया था। अंदर में उसका दम घुटने लगा। इसके बाद मकान मालिक मोहम्मद सलीम अंसारी उसे निकालने के लिए सेप्टिक टैंक में घुसे। उसका भी दम घुटने लगा। तब उसका दामाद मंजूर अंसारी भी सेप्टिक टैंक में घुस गया। उनका भी दम घुटने लगा।
दम घुटने पर मंजूर ने शोर मचाया। उस वक्त बगल से एक महिला गुजर रही थी। आवाज सुनने के बाद ने लोगों को बुलाया। अली खान और स्थानीय लोगों ने मिलकर तीनों को बाहर निकाला। तब तक मकान मालिक मोहम्मद सलीम अंसारी और मजदूर रमेश यादव की मौत हो गई थी।
मकान मालिक का दामाद मंजूर अंसारी गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए पूर्णिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक एंबुलेंस के लिए कई बार कॉल किया, लेकिन समय पर वह नहीं पहुंचा। अगर समय पर एंबुलेंस पहुंचा होता तो शायद उन लोगों की भी जान बच सकती थी।
मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक डॉ डीके यादव ने कहा कि सेप्टिक टैंक में कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन और अन्य जहरीली गैस होते हैं। इसके कारण दम घुटने से यह हादसा हुआ है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन का संपर्क नहीं होने के कारण कोई भी व्यक्ति इस जहरीली गैस से 2 से 3 मिनट में दम घुटने से मर सकता है।