पटना। पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के लिखित निवेदन पर राज्यपाल फागू चौहान से सिफारिश की थी। राज्यपाल ने उस पर मुहर लगा दी।
भाजपा का कहना था कि मुकेश सहनी अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहे। वहीं मुकेश सहनी की भी अब इसपर प्रतिक्रिया आयी है। मंत्री पद से हटाए जाने के पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने रविवार को मत्स्यजीवी सोसाइटी के मंत्रियों व निषाद समाज के लोगों से मुलाकात के बाद मंत्री मुकेश सहनी की ओर से दिए गए एक आदेश को निरस्त करने, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी।
23 मार्च को मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं एक विधायक का पहले ही निधन हो चुका है। उसके बाद बाद मुकेश सहनी अपनी पार्टी के इकलौते विधान पार्षद और मंत्री रह गए थे। दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि वह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निर्णय मानेंगे।
मुकेश सहनी ने कहा कि मंत्री पद से उन्हें हटाने का निर्णय मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। जो भी मुख्यमंत्री का निर्णय होगा, उनके लिए वह मान्य होगा। उन्होंने कहा कि उन पर हुई कार्रवाई से यह तो साफ हो गया है कि उनका कद तेजी से बढ़ रहा था, जिसे रोकने के लिए इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अभी सीएम के पास ताकत और सत्ता है, वह कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन एक समय आएगा कि उनके समाज के लोग उन्हें भी अपनी ताकत का एहसास दिलाएंगे।