
मध्य प्रदेश। राज्य सरकार ने लव जिहाद कानून के मसौदे पर मुहर लगा दी। शिवराज कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसे 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा। विधानसभा में पारित होने के बाद धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 1968 को खत्म माना जाएगा। इसकी जगह नया कानून लागू हो जाएगा। मसौदे में कहा गया है कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले और उसका धर्म परिवर्तन कराने वाले धार्मिक व्यक्ति को जिला कलेक्टर को 60 दिन पहले सूचना देनी होगी।
पारित मसौदे के अनुसार लव जिहाद कानून के तहत अब कोई भी व्यक्ति दुर्भावना, प्रलोभन धमकी, बल प्रयोग, उत्पीड़न या अन्य कपट पूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन के लिए दबाव नहीं डाल सकेगा। इस तरह से करने वाले व्यक्ति के दबाव को षड्यंत्र माना जाएगा।
नए मसौदे में धर्म परिवर्तन के अपराध में पीड़ित महिला और पैदा होने वाले बच्चे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी तय की गई है। पैदा हुए बच्चे को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रखने का प्रावधान किया गया है। अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्था संगठन के खिलाफ भी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। ऐसी संस्थाओं संगठनों के पंजीयन निरस्त करने का अधिकार होगा।
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति और उसका धर्म परिवर्तन कराने वाले धार्मिक व्यक्ति को जिला कलेक्टर को 60 दिन पहले अनिवार्य रूप से सूचना देनी होगी। धर्म परिवर्तन कराने वाले धार्मिक व्यक्ति द्वारा जिला कलेक्टर को धर्म परिवर्तन के 60 दिवस पहले सूचना नहीं दिए जाने पर 3 से 5 साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना होगा।