नई दिल्ली। आरआरबी-एनटीपीसी के अभ्यर्थी अपनी फरियाद लेकर प्रियंका गांधी के पास पहुंचे और उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत भी कराया। छात्रों ने प्रियंका गांधी को बताया कि वे लोग तीन साल से अपने घर से बाहर रहकर तैयारी कर रहे हैं।
छात्रों ने प्रियंका गांधी को बताया कि रेलवे ने 2019 में एक लाख 30 हजार भर्ती के सपने दिखाया था। इसके बाद डेढ़-दो साल तक कुछ नहीं हुआ, जबकि छह माह में सब होना था। एक साल बाद एनटीपीसी की परीक्षा हुई। ग्रुप-D की परीक्षा भी नहीं हुई। 20 गुणा अभ्यर्थियों को पास करना था, लेकिन 20 गुणा नंबर दिखा दिए। इससे चार लाख युवा पीछे हो गए। इसका उन लोगों ने जब विरोध किया, तो उनकी पिटाई की गई और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर की गई।
प्रियंका गांधी ने मिलने आए छात्रों से कहा कि सरकार, मंत्री, प्रधानमंत्री बात करने को राजी नहीं हैं। जब हर बार आवाज उठाने पर पीटा जा रहा, प्रताड़ित किया जा रहा, जो शिक्षक समर्थन करेगा उनको धमकाया जा रहा है। छात्र अपनी आवाज नहीं उठा सके इसको ध्यान में रखते हुए अब छात्र संघ का चुनाव भी खत्म कर दिया गया है। लोकतंत्र में तो यह होना ही नहीं चाहिए। इतना अहंकार हो गया सरकार का कि समझ में नहीं आ रहा।
प्रियंका ने कहा कि यह उन्हें रोजगार देकर एहसान नहीं कर रहे हैं। यह उनका हक है। 12 लाख पद अगर रिक्त पड़े हुए हैं तो युवाओं का हक है रोजगार लेने का। लेकिन यह सिस्टम बन गया है कि जब आप हक मांग रहे हैं तो पीटा जा रहा। ये क्या सिस्टम है कि किस तरह से एग्जाम हो रहे हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर हमारी सरकार आएगी तो ऐसी समस्या नहीं होगी। उन्होंने इसको लेकर एक विधान बनाया है।
इसमें प्रपोजल किया है कि एक टाइम टेबल होना चाहिए। इस टाइम टेबल में एग्जाम और रिजल्ट का डेट होना चाहिए. क्योंकि कई बार रिजल्ट दो साल बाद आ रहे हैं। पता नहीं किसने चेक किए इतने दिनों बाद…। प्रियंका ने कहा कि अगर उनकी सरकार आएगी तो एक टाइम टेबल बनाएंगे। हर अलग परीक्षा के लिए रिजल्ट और नियुक्ति छह महीने के अंदर होगा। इस टाइम टेबल का उल्लंघन हुआ तो इसके लिए कानून लाएंगे कि जो अधिकारी जिम्मेवार होंगे, कार्रवाई होगी।