बीएयू कुलपति ने फसलों पर मौसम के प्रभाव का किया निरीक्षण

कृषि झारखंड
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  • मौसम बदलाव को देखते हुए किसानों को जागरूक होना जरूरी : कुलपति

रांची। ओला और बारिश से फसलों पर प्रभावों के आकलन के लिए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने लगातार दो दिन विश्वविद्यालय के शोध फार्म में लगे फसलों का निरीक्षण किया। इस दौरान कुलपति ने अनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग एवं तकनीकी पार्क के शोध फार्म में लगे खड़ी रबी फसलों पर प्रभावों तथा फसल स्थिति को वैज्ञानिकों संग देखा।

विश्वविद्यालय के शोध फार्म में लगी रबी फसलों गेहूं, चना, सरसों, मटर एवं तीसी की स्थिति अभी काफी अच्छी है। कुलपति ने कुछ दिनों पहले पड़े ओले और बारिश से तापमान में कमी होने से फसल पर कीट एवं रोग के प्रकोप के गहन अध्ययन की आवश्यकता जताई। उन्होंने कीट एवं पौधा रोग वैज्ञानिकों को रबी फसलों पर कीट एवं रोग के आक्रमण अध्ययन करने और ससमय उपचार करने की सलाह देने का निर्देश दिया। मौके पर डॉ डीके शाही, डॉ पीके सिंह, डॉ सोहन राम, डॉ कृष्णा प्रसाद एवं डॉ सूर्य प्रकाश भी मौजूद थे।

कुलपति के निर्देश पर कीट वैज्ञानिक डॉ विनय कुमार और पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ एचसी लाल द्वारा खड़ी रबी फसलों पर कीट एवं रोग के प्रकोप की जांच एवं आकलन का कार्य शोध फार्म में शुरू कर दिया गया है।

कुलपति ने कहा कि मौसम में बदलाव को देखते हुए किसानों को निरंतर जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने वर्तमान में तापमान में कमी एवं वर्षापात को देखते हुए खाद्यान, दलहनी, तेलहनी एवं सब्जी फसलों में कीट एवं रोग का आक्रमण बढ़ने की संभावना जताया। कहा कि अगले तीन दिनों तक मौसम के साफ रहने का मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों के लिए कीट एवं रोग के लक्षण दिखलाई देने पर शुरुआत में ही अनुशंसित दवा का छिड़काव फायदेमंद होगा।

कुलपति ने कहा कि खेतों में अभी उचित नमी मौजूद है। फसल लगे खेतों में निकाई-गुड़ाई कर मिट्टी की नमी को किसान संरक्षित रखें। मिट्टी की नमी को देखते हुए खेतों की सही ढंग से जुताई करते हुए गरमा फसल एवं गरमा सब्जियों की खेती की तैयारी किसानों को शुरू कर देनी चाहिए।