मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। सोमवार रात को भाई-बहन ने ठंड से बचने को अंगीठी जलाकर चारपाई के नीचे रख दी। इसके बाद रजाई ओढ़कर सो गए। फिर सुबह दोनों के शव मिले। काफी देर तक दरवाजा न खोलने पर परिजनों ने खिड़की से झांककर देखा तो दोनों अचेत हालत में पड़े थे। दरवाजा तोड़कर गए तो दोनों की सांसें थम चुकी थीं।
बताया जा रहा है कि कमरे बंद होने की वजह से धुंआ बाहर नहीं निकल पाया और सोते समय दोनों की दम घुटने से मौत हो गई। ये घटना चरथावल क्षेत्र के दधेडू कलां गांव की है। यहां पर कमरे में जलाई गई कोयले की अंगीठी काल बनकर भाई-बहन पर टूट पड़ी। गांव निवासी राजेंद्र प्रजापति के 2 बच्चे 15 साल की लड़की नेहा और 13 साल का लड़का अंश, रात अच्छे-भले खाना खाकर अपने कमरे में सोए थे।
कड़कड़ाती ठंड से निजात पाने के लिए दोनों बच्चों ने अपने कमरे में कोयले की अंगीठी जला ली। उसे अपनी चारपाई के नीचे रखकर सो गए। कमरे में खिड़की और दरवाजे बंद होने के कारण अंगीठी से निकला जहरीला धुआं चारों और फैल गया। धुएं से दोनों भाई-बहन की रजाई में सोते-सोते ही दम घुटने से मौत हो गई। मंगलवार सुबह जब दोनों बच्चे देर तक नहीं उठे तो परिजनों ने उनके कमरे में पहुंच कर देखा। दोनों बच्चों के शव लिहाफ में दबे मिले।
दो बच्चों की एक साथ मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि राजेंद्र प्रजापति के केवल दो ही संतान थी और दोनों एक साथ जहरीले धुएं के चलते काल का ग्रास बन गईं।