कुरमी विकास परिषद के समारोह में बोले पूर्व मंत्री, आदिवासियों के आरक्षण बढ़ाने का हो विरोध

झारखंड
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रांची। झारखंड कुरमी विकास परिषद का 47वां राज्यस्तरीय वार्षिक मिलन समारोह रांची के बूटी स्थित आरटीसी कॉलेज में शनिवार को हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि सामाजिक बुराई पिछड़ेपन का कारण है। विवाह में होने वाले खर्चों में कटौती करने की जरूरत है। पिछड़ों को 36 प्रतिशत आरक्षण और जाति जनगणना की बात कही।

विशिष्ट अतिथि पूर्व ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो ने कहा कि कुरमी नामधारी संगठन और विभिन्न दलों के पदधारी एक मंच पर आयें। आदिवासी का आरक्षण 36 प्रतिशत बढ़ाने का विरोध होना चाहिए।

गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि राजनीतिक रूप से सजग होने की जरूरत है। अपने हक के लिये संगठित होना होगा। कि‍सी सरकार ने कुरमी समाज का हित नहीं किया। विशेष सत्र बुलाकर कुरमी को जनजाति में शामिल करने की मांग की। सामाजिक सुधार को बढ़वा देने के उद्देश्य से अपना बेटे की शादी मंदिर में 55 व्यक्तियों के साथ करने की घोषणा की।

इनके अलावे केन्द्रीय अध्यक्ष रणधीर चौधरी, डॉ रुद्र नारायण महतो, डॉ पारसनाथ महतो, जि‍प सदस्य अनिल महतो टाइगर, धनेश्वर महतो, शशिकला देवी, सरिता देवी, राजकुमार महतो, संजय लाल महतो, राजेन्द्र महतो, संतोष महतो, श्रवण कुमार, ज्ञानेश्वर महतो, नेपाल महतो, खिरोधर महतो, कारीनाथ महतो ने भी समारोह को संबोधित किया।

इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि द्वारा सरदार पटेल व स्व. निर्मल महतो के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में पत्रकारों को सम्मानित किया गया।

साथ ही, 11 सूत्री प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसमें उच्च व्यवसायिक व तकनीकी शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं व खेल कूद के लिए प्रेरित करना, कुरमी को पुनः जनजाति में शामिल करना, नशापान, बाल विवाह व अन्य कुरीतियों से मुक्त करना, जमीन की बिक्री पर रोक, जनजतीय भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिले, श्राद्ध कर्म और कर्मकांडो में कपड़ा के स्थान पर आर्थिक सहायता मिले, विवाह की खर्च में कटौती, श्राद्ध कर्म में मांस मदिरा पर प्रतिबंध शामिल है।

कार्यक्रम में डॉ पारसनाथ महतो ने प्रतिवेदन सौंपा कि रामटहल चौधरी के जन्मदिन को प्रेरणा दिवस, विनोद बिहारी महतो के जन्मदिन को क्रांति दिवस, निर्मल महतो के जन्‍मदिन को शौर्य दिवस, रघुनाथ महतो के जन्‍मदिन को बलिदान दिवस, शक्तिनाथ महतो के जन्‍मदिन को शक्ति दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।