रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) प्रत्येक बुधवार को उत्पादन दिवस मना रही है। इसका उद्देश्य राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोयले का पर्याप्त उत्पादन स्तर बनाना है। साथ ही, विगत कुछ महीनों से कोयला प्रेषण में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सीसीएल प्रत्येक शनिवार को ‘कोयला प्रेषण दिवस’ के रूप में मना रहा है।
सीसीएल कोयले के प्रेषण के एवज में झारखंड सरकार को रॉयल्टी भी दे रहा है। सीसीएल की सभी खदानें, क्रशर, रोड सेल वे ब्रिज और रेलवे साइडिंग झारखंड सरकार अधीन संचालित होती हैं।
झारखंड सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने रायल्टी के भुगतान के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है। इसे झारखंड इंटीग्रेटेड माइन्स एंड मिनरल मैनेजमेंट सिस्टम (JIMMS) पोर्टल के रूप में जाना जाता है। इस पोर्टल के तहत कंपनी की खदानों, क्रशर, रोड सेल वेब्रिज, रेलवे साइडिंग आदि के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है।
यह ज्ञात हो कि JIMMS पोर्टल पर पंजीकरण भौगोलिक क्षेत्र के लिए किया जाता है ना कि उत्पादन या प्रसंस्करण इकाई के लिए। प्रत्येक पंजीकरण के लिए JIMMS पोर्टल द्वारा एक विशिष्ट आईडी निर्दिष्ट की जाती है। बगैर विशिष्ट आईडी सृजित किए अग्रिम रॉयल्टी एवं फोरेस्ट ट्रांजिट फी के भुगतान के भौगोलिक क्षेत्र के बाहर कोयला नहीं ले जाया जा सकता है। ऐसी रॉयल्टी का अग्रिम भुगतान एवं फोरेस्ट ट्रांजिट फी किसी विशेष महीने के दौरान भेजे जाने वाले कोयले की अनुमानित मात्रा और गुणवत्ता पर आधारित होते हैं। प्रत्येक पंजीकृत पट्टेदार (Registered Lessee) या डीलर कोयले की आवागमन (movement of coal) के लिए अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान करता है।
जब वास्तविक कोयला प्रेषण सीसीएल के कमांड क्षेत्रों में होता है, तब ट्रक या रेल वैगन के माध्यम से प्रत्येक आपूर्ति के लिए JIMMS पोर्टल के माध्यम से एक ट्रांजिट चालान जारी किया जाता है। सीसीएल के सभी खनन क्षेत्र झारखंड सरकार को निर्धारित मानदंडों के अनुसार अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान कर रहे हैं।