गुमला। परमवीर अल्बर्ट एक्का की पुत्रवधू रजनी एक्का कहती हैं कि उनलोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा, कोई सरकारी सुविधाएं नहीं दी गईं।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास उनके घर आकर आश्वस्त किया था कि उनलोगों को एक पक्का मकान मिलेगा और चहारदीवारी भी होगी, लेकिन एक ईंट तक नहीं जोड़ी गई।
उनकी सास बलमदीना एक्का की इच्छा थी कि अल्बर्ट एक्का के पैतृक गांव जारी में एक अस्पताल बने, लेकिन आखिरी इच्छा लिए ही इस दुनिया को अलविदा कह दीं।