नई दिल्ली। आयकर विभाग ने मुंबई और नवी मुंबई क्षेत्र में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं के निर्माण में लगे हुए एक रियल एस्टेट समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह समूह मुख्य रूप से स्लम बस्तियों के पुनर्वास परियोजनाओं में कार्यरत है। तलाशी कार्रवाई में लगभग 30 परिसरों को शामिल किया गया।
इस तलाशी कार्रवाई के दौरान समूह द्वारा कर चोरी के लिए अपनाए गए के विभिन्न तरीकों का पता लगाया गया। फ्लैटों की बिक्री के भाग के रूप में 100 करोड़ रुपये की नकद प्राप्ति के संदर्भ में बताने वाले कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले। उसे जब्त किए गए, जिनका नियमित पुस्तकों में कोई उल्लेख नहीं है।
तलाशी के दौरान इस प्रकार के लेन-देन में नकद प्राप्ति के बारे में दर्ज किए गए बयानों में भी पुष्टि की गई है। समूह द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में ग्राहकों को ऑन-मनी कंपोनेंट के बराबर वचन पत्रोंको जारी किया जाना शामिल है। फ्लैट के पंजीकरण के बाद इन वचन पत्रों को नष्ट कर दिया जाता था।
न केवल झुग्गी-झोपड़ियों के मूल निवासियों द्वारा अपने मकान को खाली करने के लिए बल्कि कुछ अन्य व्यक्तियों द्वारा झुग्गीवासियों के संपत्तियों को खाली कराने के लिए बेहिसाब नकद भुगतान के संबंध में आपत्तिजनक साक्ष्य प्राप्त किए गए हैं। जब्त किए गए हैं। स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन और अनियमितताओं के बारे में अन्य सबूतों का भी पता चला है।
सबूतों की शुरुआती जांच से पता चला है कि समूह ने नकद में भुगतान करके कंपनी में नियंत्रण हिस्सेदारी प्राप्त की है। आय स्रोत में कर कटौती के प्रावधानों का पालन करने में चूक का भी पता चला है। इस समूह ने अपने द्वारा दावा किए गए कुछ भुगतानों के लिए आय स्रोत पर कर में कटौती नहीं की है, जो कि कुल 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
तलाशी के दौरान 6 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है। तलाशी 25 नवंबर, 2021 को ली गई। आगे की कार्रवाई चल रही है।