उत्तरप्रदेश। उत्तर प्रदेश की आम जनता को अब जल्द ही एक और एक्सप्रेस वे का लाभ मिलने वाला है। दरअसल यूपी में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद टेंडर की प्रकिया होगी और फिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा और पूरी तरह प्रवेश नियंत्रित होगा जोकि मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (NH-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (NH-19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 20 नवंबर 2021 को राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी के सचिव द्वारा पर्यावरण मंजूरी (EC) जारी कर दी गयी है।
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए टेंडर की प्रकिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। टेंडर फाइनल होते ही एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36230 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के विकास हेतु पी.पी.पी. (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट और ट्रांसफर पैटर्न पर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।
यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे 06 लेन का होगा जिसे बाद में बढ़कर 08 लेन तक किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 12000 व्यक्तियों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाएगा जबकि टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी नौकरी मिलेगी।