नई दिल्ली। अनिल कुमार लाहोटी ने रेलवे बोर्ड (रेल मंत्रालय) के नये अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार 1 जनवरी ’23 को ग्रहण किया। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने लाहोटी की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। उन्होंने 17 दिसंबर ‘22 को रेलवे बोर्ड में सदस्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में पदभार संभाला था।
अनिल कुमार लाहोटी इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इंजीनियर्स के 1984 बैच के अधिकारी हैं। इन्हें भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इंडियन रेलवे मेनेजमेंट सर्विस की लेवेल-17 की पहली पेनल में शामिल किया गया।
लाहोटी ने माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, ग्वालियर से सिविल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ स्नातक किया है। रुड़की विश्वविद्यालय (आईआईटी, रुड़की) से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (स्ट्रक्चर्स) किया है।
रेलवे में अपने 36 वर्षो से अधिक के सेवा काल के दौरान, उन्होंने मध्य, उत्तर, उत्तर मध्य, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेल और रेलवे बोर्ड में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
इससे पूर्व वह मध्य रेल के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। कई महीनों तक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। महाप्रबंधक के रूप में उनके कार्यकाल में सबसे अधिक संख्या में किसान रेल चलाने और राजस्व के मामले में उन्हें अब तक का सबसे अधिक माल और पार्सल यातायात (टन में) प्राप्त करने का श्रेय प्राप्त है।
लाहोटी ने गैर-किराया, स्क्रैप की बिक्री और व्यापक टिकट जांच अभियान द्वारा राजस्व में रिकॉर्ड सुधार का कार्य भी किया है। उन्होंने मुंबई में वातानुकूलित उप-नगरीय सेवाओं के विस्तार के जटिल मुद्दे का सफलतापूर्वक परिचालन और समाधान किया है।
उनके कार्यकाल के दौरान, मध्य रेल ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निष्पादन और कमीशनिंग में बड़े स्तर पर सुधार किया। मुंबई में दिवा और ठाणे के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित 5वीं और 6वीं लाइन की शुरुआत की।
लाहोटी ने मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ, उत्तर रेलवे के पद पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने भीड़-भाड़ वाले गाजियाबाद-प्रयागराज-डीडीयू मार्ग के विकल्प के रूप में लखनऊ-वाराणसी-डीडीयू मार्ग पर माल ढुलाई में सुधार के लिए कई पहल की हैं।
लाहोटी ने लखनऊ मंडल के स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और स्वच्छता मानकों में सुधार के विशेष कार्य किये। उन्होंने लंबे समय से चली आ रही बाधाओं को दूर करने सहित बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए कई कार्य किए। भविष्य में यातायात में वृद्धि के लिए नेटवर्क क्षमता के विस्तार के महत्वपूर्ण कार्यों की मंजूरी के लिए व्यापक योजना बनाई।