नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने इस बाबत स्पष्ट किया है। इस बात को दोहराया कि जीवनसाथी की पेंशन के लिए संयुक्त बैंक खाता अनिवार्य नहीं है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा सेवानिवृत्त और पेंशनभोगी समेत समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए ‘जीवन यापन में आसानी’ के लिए अनेक प्रयास किये हैं। अपने लंबे अनुभव और अपने लंबे कार्यकाल के दौरान दी गई सेवाओं के कारण सेवानिवृत्त और पेंशनभोगी वास्तव में देश की परिसंपत्ति हैं।
डॉ सिंह ने कहा कि यदि कार्यालय-प्रमुख संतुष्ट है कि सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के लिए अपने जीवनसाथी (पति या पत्नी) के साथ संयुक्त खाता खोलना संभव नहीं है, तो इस नियम में ढील दी जा सकती है। केंद्र सरकार की पेंशन का वितरण करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को सूचित किया गया है कि यदि पति या पत्नी (पारिवारिक पेंशनभोगी) परिवार पेंशन जमा करने के लिए मौजूदा संयुक्त बैंक खाते का विकल्प चुनते हैं, तो बैंकों को नया खाता खोलने पर जोर नहीं देना चाहिए।
राज्यमंत्री ने कहा कि जीवनसाथी (पति या पत्नी) के साथ एक संयुक्त बैंक खाता वांछनीय है। यह बैंक खाता जीवनसाथी (पति या पत्नी) के साथ खोला जाना है, जिन्हें पीपीओ में पारिवारिक पेंशन के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इन खातों का परिचालन पेंशनभोगी की इच्छानुसार ‘पूर्व या जो जीवित है’ या ‘दोनों में से कोई एक या जो जीवित है’ के आधार पर किया जाना चाहिए।
संयुक्त बैंक खाता खोलने का कारण यह सुनिश्चित करना है कि परिवार पेंशन बिना किसी विलंब के शुरू किया जा सके। परिवार-पेंशनभोगी को नया पेंशन बैंक खाता खोलने में कोई कठिनाई नहीं हो। पारिवारिक पेंशन शुरू करने के लिए अनुरोध प्रस्तुत करते समय, यह पारिवारिक पेंशनभोगी के लिए न्यूनतम दस्तावेज की ज़रूरत भी सुनिश्चित करता है।