कर्नाटक। कंपनी फर्जी खर्च दिखाकर मुनाफा छिपा रही थी। इसका खुलासा आयकर विभाग की छापेमारी के बाद हुआ। विभाग ने सड़कों और सिंचाई परियोजनाओं के सिविल निर्माण कार्य में लगे कर्नाटक के एक अग्रणी समूह के विरुद्ध कार्रवाई की। इस क्रम में उत्तरी कर्नाटक में स्थित उसके विभिन्न परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया।
तलाशी अभियान से पता चला है कि यह समूह सामग्री की खरीद, मजदूरों के भुगतान और उप ठेकेदारों के भुगतान में फर्जी खर्च दिखाकर अपने मुनाफे को छुपा रहा है।
इस तरह के खर्चों के गैर-वास्तविक दावे को दर्शाने वाले डिजिटल साक्ष्य सहित विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए हैं। उन्हें जब्त कर लिया गया है। इसके विश्लेषण से पता चलता है कि ऐसे विक्रेताओं/सामग्री के आपूर्तिकर्ताओं से समूह के प्रमुख व्यक्ति द्वारा बेहिसाब नकदी प्राप्त की गई है। यह भी पाया गया कि उनके अपने रिश्तेदारों/मित्रों/कर्मचारियों को उप-ठेकेदारों के नाम पर धन रखने के लिए इस्तेमाल किया गया था, जिन्होंने न तो कोई काम किया था और न ही उनके पास काम करने की दक्षता/क्षमता थी। निर्धारिती समूह इन लेनदेनों से बेहिसाब नकदी जुटा रहा है।
तलाशी अभियान में 70 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है। समूह द्वारा इसे अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया गया है। आयकर विभाग ने 28 अक्टूबर, 2021 को कार्रवाई की थी। इस संबंध में आगे की जांच जारी है।