नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कुछ पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई है। उनपर एक व्यक्ति को कथित तौर पर झूठे मामले में फंसाने और उसे गिरफ्तार करने की धमकी देकर डराने का मामला सामने आया था।
शिकायतकर्ता जाकिर का आरोप है कि दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने उसे और उसके पिता को परेशान किया। कथित तौर पर दर्ज की गई एक प्राथमिकी का ब्यौरा दिए बिना पूरे परिवार को गिरफ्तार करने की धमकी दी। पुलिस ने इस दावे का खंडन किया है। वहीं, अदालत ने पूछा है कि उक्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों न की जाए।
जाकिर की ओर से दायर याचिका के जवाब में पुलिस ने अदालत में कहा कि जाकिर ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया है और उसके विरुद्ध कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है। पुलिस की ओर से कहा गया कि जाकिर के पिता को परेशान नहीं किया गया बल्कि उसे शिकायत के बारे में बताया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील चौधरी ने यह माना कि पुलिस ने सही प्रक्रिया नहीं अपनाई।
उन्होंने कहा कि पुलिस थाने के अधिकारियों के आचरण से जाकिर के दिमाग में ‘डर पैदा हो गया’ कि उसे गलत मामले में फंसाया या गिरफ्तार किया जा सकता है, इसलिए उसने अदालत का रुख किया। न्यायाधीश ने 22 अक्टूबर के आदेश में कहा, ‘इसलिए तथ्यों के आधार पर, पुलिस थाना दयालपुर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है कि उनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।’