पटना। बिहार बहुत बड़ा है सर, भीख मांग लेंगे, लेकिन आपके अधिकारियों के पास नहीं जाएंगे। कृषि विभाग से रिटायर प्रखंड कृषि पदाधिकारी की इस बात को सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसे कृषि विभाग के निदेशक से मिलने को कहा। इस पर फरियादी ने कहा कि कृषि विभाग के निदेशक ने ही तो सारा खेल खेला है और हमारी पेंशन रोक रखी है।
इसपर नीतीश कुमार भड़क गए। नीतीश कुमार ने कहा कि हल्ला क्यों कर रहे, कृषि विभाग के पास भेजे हैं, वहां जाइए। फिर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पता लगाइए कि वह कृषि विभाग में क्यों नहीं जाना चाहता। वह किस तरह का व्यक्ति है ? उसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी भागे-भागे रिटायर्ड व्यक्ति की तरफ भागे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को जनता दरबार में ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य और अन्य विभागों की शिकायतें सुन रहे थे। मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियों की शिकायत खूब आ रही है और मुख्यमंत्री शिकायत सुनते-सुनते इतने परेशान हो चुके हैं कि अब ऑन कैमरा वह ज्यादा शिकायत सुनने से परहेज करते हैं। यही कारण है कि ऐसे फरियादियों को मुख्यमंत्री अपने सामने अब ज्यादा देर तक नहीं बैठने देते। जनता दरबार में शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री कई बार परेशान होते हैं तो कई बार नाराज भी होते हैं।
अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है। अधिकतर फरियादी मुख्यमंत्री के आगे कमीशन और गड़बड़ झाले की ही शिकायत करते हैं। आज भी समस्तीपुर से आए एक फरियादी युवक ने सात निश्चय योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायत की। युवक ने बताया कि समस्तीपुर के पटोरी प्रखंड के बीडीओ योजना में लूट मचा रहे हैं। आठ इंच की बजाय दो इंच की सड़क की ढलाई की जा रही है। ऐसे में सरकारी योजना की राशि का बंदरबांट की जा रही है। मुख्यमंत्री के सामने युवक ने आरोप लगाया कि बीडीओ साहब कमीशन का खेल खेल रहे हैं। पहले भी अधिकारियों के पास शिकायत की गई थी, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।
इतना कहने के साथ ही मुख्यमंत्री ने उस युवक को विभागीय अधिकारियों के पास भेज दिया। ऐसी शिकायतों को लेकर नीतीश कुमार असहज दिख रहे हैं। लगातार एसडीओ, बीडीओ और अन्य अधिकारियों के बारे में जो शिकायतें आ रही हैं, उससे नीतीश कुमार भी समझ रहे हैं कि बिहार में प्रशासनिक तंत्र किस कदर काम कर रहा है।