बैंक ऑफ इंडिया के प्रोग्राम में बोले डीसी, आज भी बैंकों से लोन लेना मुश्किल

झारखंड
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  • 328 खातों को बांटे गये 10 करोड़ रुपये के लोन

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। किसानों को लोन सही समय पर मिलने के लिए किसान, बैंक और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के बीच समन्वय होना बहुत जरूरी है। बैंकों की स्थापना के पूर्व किसान ऊंची दरों पर ऋण लेते थे। उसे चुकाने में किसान का सब कुछ दांव पर लग जाता था। वह अक्सर साहूकार के कर्ज से नहीं उबर पाते थे। बाद में देश की बैंकिंग व्यवस्था सुदृढ़ हुई। किसानों के सस्ते दर पर ऋण मिलने लगा। हालांकि आज भी किसान के लिए बैंक से ऋण प्राप्त करना काफी मुश्किल कार्यों में एक है। इस दिशा में बैंकों को उदार होने की जरूरत है। किसान जब बैंक में ऋण के लिए आवेदन देता है, तब बैंक उस आवेदन की आवश्यक जांच कर तुरंत ऋण स्वीकृत करें, ताकि किसान अपने किसानी कार्य की जरूरतें पूरी कर सकें। उक्‍त बातें उपायुक्‍त दि‍लीप कुमार टोप्‍पो ने कही। वे 7 अक्‍टूबर को बैंक ऑफ इंडिया के ऋण मेला Credit Outreach Programme’ में बोल रहे थे। इसका आयोजन नया नगर भवन में किया गया था।

बांटे गये 10 करोड़ के लोन

कार्यक्रम में 328 बैंक खातों को 10 करोड़ 62 लाख 80 हजार रुपये के लोन बांटे गये। इसमें कृषि से संबंधित 196 बैंक खातों में 98.95 लाख रुपये, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से जुड़े 76 बैंक खातों में 270.3 लाख रुपये और खुदरा व्यापार से जुड़े 56 बैंक खातों में 693.55 लाख रुपये शामिल हैं।

किसानों को भी केसीसी देना है

उपायुक्त ने कहा कि लोहरदगा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 52 हजार से अधिक किसान लाभांवित हैं। सरकार ने सभी किसानों को केसीसी से आच्छादित करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त वैसे किसानों को भी केसीसी देना है जो बेहतर किसानी कार्य कर रहे हैं। केसीसी ऋण से सस्ता कोई भी ऋण नहीं है। बैंक किसानों के प्रति अच्छी सोच रखें और उन्हें ऋण उपलब्ध कराएं।

समय से ऋण चुकाये किसान

डीसी ने कहा कि किसानों को चाहिए कि बैंक का ऋण चुकाएं। उसका विश्वास जीतें। अगर बैंक का आप विश्वास जीत लेते हैं तो कभी भी ऋण मिलने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। किसान ऋण लें तो उसका बेहतर उपयोग कृषि कार्य में करें। अमेरिका और यूरोपीय देशों में भी लोग ऋण लेते हैं। अपना उद्देश्य पूरा कर ऋण की राशि समय से बैंक को वापस कर देते हैं। हमारे देश में भी उदाहरण के तौर पर आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी किसान अपनी फसल बेचकर पहले ऋण चुकाते हैं, जिसके बाद बैंक भी वैसे किसानों को तुरंत अगले वर्ष के लिए ऋण देती है।

ज्यादा से ज्यादा ऋण लें किसान

विशिष्ट अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा ने कहा कि किसान ज्यादा से ज्यादा ऋण लें। उसका उपयोग कृषि कार्यों में करें। यह बहुत अच्छा प्रयास बैंकों द्वारा किया गया है। इसका किसान पूरा फायदा उठाएं। इसी तरह उद्योग के क्षेत्र में भी ऋण का सदुपयोग हो। अच्छा उद्यमी बनें।

योजनाओं का लाभ लें किसान : गणेश टोप्‍पो

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की ओर से कार्यक्रम में आये उप महाप्रबंधक गणेश टोप्पो ने कहा कि केंद्र सरकार की कई योजनाएं बैंकों से संचालित हो रही हैं। किसान के साथ-साथ इच्छुक व्यक्ति, उद्यमी, फुटपाथ विक्रेता समेत अन्य भी इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। कई योजनाएं ऋण से संबंधित हैं तो कुछ पेंशन से हैं, कुछ बीमा से। कई स्कूली पाठ्यक्रमों में वित्तीय साक्षरता का विषय शामिल किया गया है, जो बच्चों के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक साबित होगा। मुद्रा लोन की योजनाओं से कोई भी लाभांवित हो सकता है।

अन्य अतिथियों ने भी दी जानकारी

जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक नीलिमा केरकेट्टा ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजन की जानकारी दी। जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम ने केसीसी की स्थिति से अवगत कराया गया। नाबार्ड के डीडीएम संजय त्रिवेदी द्वारा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी का गठन और सीमांत किसानों को ऋण उपलब्ध कराए जाने की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में अग्रणी बैंक प्रबंधक सुरेंद्र कुमार नाग, पंचू भगत, भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक कुमार रंजन सहित बैंक से जुड़े पदाधिकारी और बड़ी संख्या में लाभुक उपस्थित थे।