रांची। गोस्सनर कॉलेज के मास कॉम विभाग द्वारा सरहुल पूर्व संध्या और शहीद दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर तेज मुंडू ने छात्रों को सरहुल के महत्व बताए। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के माध्यम से आदिवासी जंगल, जनजाति और संस्कृति को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
सेमेस्टर 4 की छात्रा रूपाली दास ने सरहुल का महत्व बताते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। बताया कि सरहुल के पावन त्योहार पर प्रकृति की पूजा की जाती है। आदिवासियों की परंपरा के अनुसार सरहुल के बाद ही फसल की कटाई की जानी चाहिए।
सेमेस्टर 5 की छात्रा अनु कुमारी ने विस्तृत रूप से सरहुल के इतिहास को बताते हुए सरहुल मनाने का कारण, इसे मनाने का तरीका, की जाने वाली पूजा, पोशाक, खानपान, नृत्य के बारे में बताया। सेमेस्टर 5 की छात्रा दीपाली कुमारी में झारखंड के इतिहास की जानकारी दी।
कार्यक्रम में बांसुरी की धुन सेमेस्टर 5 के छात्र मनीष ने छेड़ी, जिसने सभी का मन मोह लिया।
प्रोफेसर महिमा बिलुंग ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का भारत के प्रति देश प्रेम और आजादी के लिए दी गई उनके बलिदान को याद किया। विद्यार्थियों द्वारा उनके सम्मान में जोश भरे नारे भी लगाए गए। कार्यक्रम में मासकॉम विभाग के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।