शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त होने का आरोप, जांच में पुष्टि का दावा

झारखंड
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  • भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच ने डीसी ज्ञापनकर कार्रवाई की मांग की

खूंटी। भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच ने शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त होने का आरोप लगाया है। जांच में इसकी पुष्टि होने का दावा किया है। उपायुक्‍त शशि‍ रंजन से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। उनसे फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्‍त शिक्षकों पर कार्रवाई करने की मांग की। उपायुक्‍त ने मामले पर शीघ्र कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया।

मंच ने ज्ञापन में कहा है कि संगठन के खूंटी जिला उपाध्यक्ष केशव चंद्र महतो ने इसकी शिकायत की थी। उसने कहा था कि उत्क्रमित उच्च विद्यालय, कालामाटी में नियुक्त सहायक शिक्षिका संगीता तिवारी एवं एसएस उच्च विद्यालय, खूंटी में नियुक्त सहायक शिक्षिका चंदा कुमारी द्वारा फर्जीवाड़ा कर स्थानीय प्रमाण पत्र बनवाया गया है। इसके आधार पर नौकरी हासिल की है। दोनो अपने-अपने विद्यालयों में कार्यरत हैं।

मंच ने कहा कि इस फर्जीवाड़ा की पुष्टि अनुमंडल पदाधिकारी उषा मुंडू द्वारा 03 जुलाई, 21 को सौंपे गये जांच प्रतिवेदन (पत्रांक – 436/गो०) में हुई है। इसके बाद भी अब तक दोनों सहायक शिक्षिकाओं के विरुद्ध किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।

इस मामले पर तमाड़ विधायक विकास कुमार मुंडा द्वारा भी 07 सितंबर, 21 को शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा गया। मंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अवर सचिव ने 24 सितंबर, 21 को पत्र (संख्‍या-1801) भेजकर उक्त दोनों सहायक शिक्षिका के विरुद्ध नियमसंम्‍मत अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संबंधी रिपोर्ट तलब की गई है। हालांकि अब तक कार्रवाई नगन्य है।

मंच ने दोनों सहायक शिक्षिकाओं के विरुद्ध अतिशीघ्र अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। सदस्‍यों ने कहा है कि कार्रवाई नहीं होने पर मंच आंदोलन के लिए विवश होगा। उपायुक्त ने कहा कि मंच के सदस्‍यों से कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है, इस पर जल्द कार्रवाई होगी।

प्रतिनिधिमंडल में मंच के केंद्रीय अध्यक्ष रविकांत पासवान, महासचिव आनंद किशोर पंडा, केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार, खूंटी शाखा के जि‍ला उपाध्यक्ष केशव चन्द्र महतो, किशन गोंझू , बुद्धेश्वर सिंह मुंडा सहित अन्‍य शामिल थे।