बिहार में बालू के अवैध खनन के खेल में संलिप्त अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गयी है। इसी कड़ी में राजधानी पटना में डीएसपी के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी हुई। बता दें कि आरा के सदर डीएसपी रहे पंकज कुमार रावत के कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। पटना से लेकर नालंदा तक पुलिस की रेड हो रही है।
आर्थिक अपराध इकाई की टीम छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक छापेमारी दल को कई अहम सबूत मिले हैं। सर्च वारंट मिलने के बाद ही डीएसपी पंकज कुमार रावत पर शिकंजा कसा गया। भोजपुर जिले के हेडक्वार्टर में सदर डीएसपी के पद पर रहे पंकज कुमार रावत बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के घेरे में हैं। इनको सरकार ने पिछले 15 जुलाई को पद से हटाते हुए हेड क्वार्टर भेज दिया था।
बिहार गृह विभाग की ओर से जारी पत्र के मुताबिक पटना जिले के पाली डीएसपी तनवीर अहमद, औरंगाबाद जिले के सदर डीएसपी अनूप कुमार, भोजपुर जिले के आरा डीएसपी पंकज रावत और रोहतास जिले के डीएसपी संजय कुमार को तत्काल पटना स्थित पुलिस हेड क्वार्टर तलब किया गया था। सस्पेंड किये गये डीएसपी के खिलाफ बालू माफियाओं से सांठगांठ के सबूत मिले हैं। इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई तेज हो गयी है। ईओयू की टीम ने शिकंजा कसा है।
डीएसपी पंकज कुमार रावत के कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि टीम के हाथ कई अहम सबूत भी लगे हैं। डीएसपी पंकज कुमार रावत को पिछले ही साल 2020 में अगस्त महीने में आरा का सदर डीएसपी बनाया गया था। पंकज कुमार रावत मूल रूप से नालंदा के रहनेवाले हैं। सदर एसडीपीओ पंकज कुमार रावत ने सितंबर 2004 में पुलिस में जॉइनिंग की थी।