जिले को कुपोषण मुक्त करते हुए सुपोषित बनाना है : उपायुक्‍त

झारखंड
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  • समाहरणालय परिसर से जागरुकता रथ को रवाना किया

योगेश कुमार पांडेय

जमुआ (गिरि‍डीह)। राष्ट्रीय पोषण माह के संचालन को लेकर 03 सितंबर को समाहरणालय परिसर से उपायुक्त ने जागरुकता  रथ को रवाना किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि पोषण जागरुकता रथ शुरुआती दौर में वैसे प्रखंडों का भ्रमण करेगा, जहां अतिकुपोषण की समस्या है। वहां जाकर सैम-मैम बच्चों और कुपोषण ग्रसित महिलाओं के बीच जनजागरुकता अभियान के माध्यम से उन्हें पोषणयुक्त भोजन ग्रहण करने के साथ-साथ शिशुओं में उचित पोषण स्तर को बढ़ावा देने के लिए माताओं को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार के महत्वों के विषय में जानकारी प्रदान करेगी। इसके बाद जिले के अन्य ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी जागरुकता रथ के माध्यम से लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक किया जाएगा।

उपायुक्‍त ने बताया कि पोषण जागरुकता रथ का मुख्य उद्देश्य जिले को कुपोषण मुक्त करते हुए सुपोषित बनाना है। इस अभियान के माध्यम से गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को बच्चे के जन्म के छह माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाने के लिए प्रेरित कि‍या जाएगा। शिशुओं के छह माह पूरे होने पर उन्हें स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार की जानकारी देना, खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, शौच के बाद, कूड़ा-कचरा उठाने के बाद अपने हाथों को साबुन से धोने आदि विषयों की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि पोषण अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ किया गया है। यह अभियान पूरे जिले भर में 01 सितंबर से 30 सितंबर तक चलाया जाना है। पोषण माह का दायित्व यह है कि जिले भर में जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं, सभी केंद्रों पर अधिकाधिक संख्या में माता, किशोरी और बच्चों को पोषण से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराया जाय। आमतौर पर किसी भी बच्चे के लिए 1000 दिन काफी महत्वपूर्ण होते हैं। जन्म से पूर्व 9 महीने और जन्म के बाद 2 वर्ष महत्वपूर्ण होते हैं। इस 1000 दिन में माता एवं बच्चों के पोषण से संबंधित ध्यान रखना अतिआवश्यक होता है। इसकी शुरुआत गर्भधारण से ही प्रारंभ होती है, जब माताओं को अपना चेकअप करना एवं अपने बच्चें के विकास पर ध्यान देना होता है। साथ ही साथ चिकित्सक की सलाह लेना भी जरूरी होता है। गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव के लिए सेविका और सहायिका मदद करती है। संस्थागत प्रसव के पश्चात बच्चे के पोषक तत्व व उसके से संबंधित जानकारी पोषण माह जागरुकता रथ के माध्यम से दी जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान में कोविड संक्रमण के मद्देनजर जिले में सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद है। इसलिए पोषण जागरुकता रथ प्रखंडों का भ्रमण कर गर्भवती माताओं एवं बच्चों को उचित पोषण एवं पौष्टिक आहार से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा छूटे नहीं, इसके लिए जिले के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने अपने कार्य क्षेत्र अंतर्गत सभी माताओं एवं बच्चों को ट्रैक करें। जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि पोषण माह जागरुकता रथ के माध्यम से जिले के सभी लोगों को पोषण, बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल, माताओं एवं बच्चों के लिए उचित पौष्टिक आहार व अन्य की जानकारी दी जाए। उक्त कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावा जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।