जमशेदपुर। क्या आप जानते हैं कि पहली बार सुपर सॉकर का आगमन कब हुआ था? साओ पाअलो क्लब की टीम (अंडर-23) को बम्बई, कलकत्ता और दिल्ली में तीन मैच खेलने के लिए आमंत्रित किया गया था। सभी मैच काफी रोमांचक रहे थे। पहली बार सुपर सॉकर वर्ष, 1984 में हुआ था।
बम्बई में यह मैच ‘टाटा इन्वीटेशन इलेवन’ और ‘साओ पाअलो’ के बीच 2 फरवरी, 1984 को खेल गया। कलकत्ता में मैच ‘बेंगाल इलेवन’ और ‘साओ पाअलो’ के बीच 5 फरवरी को और दिल्ली में ‘इंडिया इलेवन’ और ‘साओ पाअलो’ के बीच 11 फरवरी, 1984 को खेला गया। साओ पाअलो क्बल की टीम ने बम्बई का मैच 3-0 और कलकत्ता का मैच 1-0 से जीत लिया। दिल्ली में खेला गया मैच 1-1 से ड्रॉ रहा।
सुपर सॉकर का अगला सीजन 1986 में आयोजित किया गया। इसमें वेस्ट जर्मनी के एक क्लब ‘वीएफएल बॉखम इलेवन’ ने नयी दिल्ली, बेंगलोर, कलकत्ता और जमशेदपुर में चार मैच खेले थे।
1989 में साओ पाअलो की सीनियर टीम को सुपर सॉकर खेलने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने दिल्ली, बेंगलोर, कलकत्ता और जमशेदपुर में चार मैच खेले। मेहमान टीम ने तीन मैच जीते, लेकिन बेंगलोर का मैच 2-2 की बराबरी पर छूटा।
सुपर सॉकर का चौथा सीजन जनवरी 1991 में हुआ। इस बार मेहमान टीम हॉलैंड से ‘पीएसवी आयनहॉवेन’ थी। तीन मैच आयोजित किए गए, जिसमें तीनों मैच मेहमान टीम ने जीते।
1994 में नॉर्वे से ‘एसकेएफ लिन’ को सुपर सॉकर के लिए आमंत्रित किया गया। जमशेदपुर, कलकत्ता और गोवा में तीन मैच आयोजित किये गये। जमशेदपुर और कलकत्ता का मैच ड्रॉ रहा, जबकि गोवा में खेला गया मैच मेहमान टीम ने जीता।