रांची । बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित रांची वेटनरी कॉलेज में सोमवार को 60 साल का हो गया। स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड के संयुक्त पशुपालन डॉ दयानंद प्रसाद थे। उन्होंने वेटनरी कॉलेज को पशुपालन के क्षेत्र में झारखंड का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बताया। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज के पशु वैज्ञानिकों तथा कॉलेज से पास पशु चिकित्सकों का प्रदेश के पशु चिकित्सा, पशुरोग उन्मूलन एवं पशुपालन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और गरिमामयी इतिहास रहा है। पशुपालन के बिना राज्य का कृषि विकास अधूरा है। राज्य के विकास एवं किसानों की आजीविका तथा ग्रामीणों की पोषण सुरक्षा के लिए प्रदेश में पशुपालन शिक्षा, शोध एवं विस्तार क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता व ठोस प्रयास की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने कहा कि झारखंड को जैविक राज्य बनाने का प्रयास चल रहा है। प्रदेश के बहुतायत लघु व सीमांत किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में बागवानी क्षेत्र में पशु उत्पादों का काफी महत्व है। प्रदेश के ग्रामीणों के आय का पशुपालन बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। इन क्षेत्रों में पशुपालन का बहु आयामों लाभों को देखते हुए से वेटनरी कॉलेज के शिक्षा, शोध एवं विस्तार कार्यक्रमों सशक्त करने की जरूरत है। पशु वैज्ञानिकों एवं पशु चिकित्सकों द्वारा सीमित संसाधनों के बावजूद मूक पशुओं की निपुनता के साथ सेवा भाव सबों के लिए आदर्श की विषय है।
डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने बताया कि वर्ष 1960 में रिम्स के साथ स्थापित इस वेटनरी कॉलेज से अबतक करीब 1650 ग्रेजुएट और 300 पोस्ट ग्रेजुएट व पीएचडी छात्रों ने डिग्री प्राप्त की है। एक दशक पहले इस कॉलेज का राष्ट्रीय स्तर पर गौरवपूर्ण स्थान रहा है। विगत एक वर्षो में कॉलेज द्वारा करीब एक हजार किसानों को प्रशिक्षण, रेफरल अस्पताल में करीब पांच हजार पशुओं की चिकित्सा तथा करीब छह हजार पशुओं का पोस्टमार्टम एवं पशु रोग की जांच की गयी।
राज्य सेवा में पदस्थापित पशु चिकित्सकों को पशु वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसके बावजूद राज्य का एकमात्र वेटनरी कॉलेज वर्तमान में अपनी मान्यता एवं तकनीकी मानवबल की कमी से जूझ रहा है। कॉलेज में प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर/असिस्टेंट प्रोफेसर के स्वीकृत 105 पदों के विरूद्ध मात्र 15 नियमित प्राध्यापक कार्यरत है। अनुबंध पर कार्यरत 35 प्राध्यापकों से किसी तरह कॉलेज का संचालन किया जा रहा है, जबकि राज्य में पशुपालन क्षेत्र के सर्वाधिक महत्त्व एवं दूरगामी बेहतर संभावनाओं को देखते हुए देश के अन्य विकसित राज्यों की तरह प्रदेश में अविलम्ब वेटनरी यूनिवर्सिटी खोले जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम में पशु रोग चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए बेड़ो में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर डॉ विनीता प्रसाद और एक्सीलेंस टीचिंग अवार्ड से डॉ सुरेश मेहता को सम्मानित किया गया। कॉलेज द्वारा आयोजित एलोकेशन स्पर्धा में रौनक सिंह को प्रथम, काविश अहसान को द्वितीय एवं सुशिल कुमार मिश्र को तृतीय और निबंध स्पर्धा में सुशील कुमार मिश्र को प्रथम, दिव्यम धारिया को द्वितीय तथा शिवांगी अनंत को तृतीय पुरूस्कार प्रदान किया गया। अंताक्षरी स्पर्धा के पुरूष वर्ग में डॉ आलोक कुमार पांडेय के दल और महिला वर्ग में डॉ नंदिनी कुमारी के दल को पुरूस्कृत किया गया।
मौके पर कोविड-19 के कोरोनाकाल में कॉलेज स्थित पशुधन फार्मो की देखरेख एवं रखरखाव में विशेष सेवा के लिए कर्मचारियों में अशोक, नईम, अखिलेश, संजीव विश्वास, नज्जाम सहित 14 कर्मियों को सम्मानित किय गया। मौके पर डॉ एमके गुप्ता, डॉ एके सिंह, डॉ अनिरूद्ध प्रसाद, डॉ सीएम प्रसाद, डॉ स्वराज ठाकुर, डॉ नरेश प्रसाद, डॉ बधनु उराव व डॉ पंकज सेठ आदि मौजूद थे।