
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ एमएच सिद्दीकी ने लगभग 37 वर्षों की सेवा के बाद मंगलवार को अवकाश ग्रहण किया। हुल दिवस पर 30 जून को अवकाश रहने के कारण 29 जून को उनके सम्मान में विश्वविद्यालय मुख्यालय के प्रबंध पर्षद कक्ष में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने प्रतीक चिन्ह एवं शॉल प्रदान कर तथा माला पहनाकर उन्हें सम्मानित किया। उनके स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना की। समारोह में ही उन्हें जीपीएफ के फाइनल पेमेंट का चेक प्रदान किया गया।
डॉ सिद्दीकी ने मार्च, 1984 में सहायक प्राध्यापक के रूप में वानिकी संकाय में अपने कैरियर की शुरुआत की थी। लंबे समय तक वन प्रबंधन विभाग तथा मौलिक विज्ञान एवं मानविकी विभाग के अध्यक्ष रहे। उनके मार्गदर्शन में 26 छात्र-छात्राओं ने अपनी एमएससी थीसिस पूरी की, जो मुख्यतः वन प्रबंधन, वन व्यवसाय प्रबंधन और इको टूरिज्म से संबंधित विषयों पर तैयार की गई थी। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में उनके लगभग एक सौ शोधपत्र प्रकाशित हैं। बीएयू में कंप्यूटर कौशल में दक्षता हासिल करनेवाले वह प्रथम वैज्ञानिक रहे।
विदाई समारोह में उपस्थित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ ए वदूद, डॉ एसके पाल, डॉ ऋषिपाल सिंह, डॉ सुशील प्रसाद, राकेश रौशन, डॉ एमके गुप्ता, डॉ जगरनाथ उरांव, डॉ डीके शाही ने दक्ष वैज्ञानिक, कुशल शिक्षक, कड़क प्रशासक और सहृदय सहकर्मी के रूप में उनके गुणों की चर्चा की। संचालन डॉ पीके सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रशासी पदाधिकारी प्रदीप कुमार ने किया
वानिकी संकाय में भी डॉ सिद्दीकी के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। वहां संकाय के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन डॉ बीसी उरांव और धन्यवाद डॉ एके चक्रवर्ती ने किया। इस अवसर पर पूर्व डीन डॉ महादेव महतो, डॉ एमएस मलिक, डॉ एसएमएस कुली, डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय, प्रो वी शिवाजी, डॉ कौशल कुमार, डॉ आरबी साह, डॉ जय कुमार, डॉ नरेन्द्र प्रसाद, पुष्पा तिर्की आदि लोगों ने सेवाकाल में उनके अकादमिक और प्रशासनिक योगदान एवं मानवीय मूल्यों की चर्चा की।
कृषि संकाय में अवकाश ग्रहण करने वाले रसोइया सहायक रखाल मंडल को विदाई दी गयी। इस अवसर पर डॉ एसके पाल, डॉ राकेश कुमार, डॉ सीएस महतो, अमरेंद्र कुमार वर्मा आदि उपस्थित थे। मुख्यालय के जवान महेंद्र मुंडा ने भी अवकाश ग्रहण किया।