- स्पुतनिक-वी समेत 5 वैक्सीन कैंडिडेट्स मानव परीक्षण की अवस्था
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मिशन कोविड सुरक्षा की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार ने भारतीय कोविड -19 वैक्सीन विकास मिशन के लिए 900 करोड़ रुपये के तीसरे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। यह अनुदान, भारतीय कोविड -19 वैक्सीन के अनुसंधान और विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) को प्रदान किया जाएगा। वर्त्तमान में, रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी समेत 5 वैक्सीन कैंडिडेट्स मानव परीक्षण की अवस्था में हैं। तीन अन्य का मावन परीक्षण शीघ्र शुरू होगा।
कोविड -19 वैक्सीन विकास मिशन, पूर्व-क्लिनिक विकास, विनिर्माण और विनियामक सुविधा के साथ तैनाती पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, त्वरित उत्पाद विकास के लिए सभी उपलब्ध और वित्त पोषित संसाधनों को समेकित करेगा। इससे 5-6 वैक्सीन कैंडिडेट के विकास में मदद मिलेगी। लाइसेंस प्राप्ति और बाज़ार तक पहुंच सुनिश्चित होगी। कोविड संक्रमण के प्रसार से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में इसकी शुरूआत पर नियामक अधिकारियों द्वारा इन वैक्सीन कैंडिडेट पर विचार किया जाएगा।
इस मिशन को राष्ट्रीय जैव फार्मा मिशन (एनबीएम) और इंड-सीईपीआई मिशन की मौजूदा गतिविधियां पूरक ताकत प्रदान करेंगी। कोविड सुरक्षा मिशन के चरण- I को 12 महीनों की अवधि के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शैक्षणिक जगत और उद्योग जगत में अब तक 10 वैक्सीन कैंडिडेट्स को समर्थन दिया गया है। वर्त्तमान में, रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी समेत 5 वैक्सीन कैंडिडेट्स मानव परीक्षण की अवस्था में हैं। 3 अन्य पूर्व-नैदानिक के अग्रिम चरण में हैं, जो शीघ्र ही मानव परीक्षण की शुरुआत करेंगे।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव और बीआईआरएसी की अध्यक्ष डॉ रेणुस्वरुप ने कहा कि मिशन कोविड सुरक्षा हमारे देश के लिए स्वदेशी, किफायती और सुलभ वैक्सीन के विकास के लिए हमारा लक्षित प्रयास है। यह आत्मनिर्भर भारत राष्ट्रीय मिशन के लिए पूरक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि भारत वैक्सीन निर्माण में एक शक्तिशाली राष्ट्र है। इस राष्ट्रीय कोविड वैक्सीन मिशन के माध्यम से हमें विश्वास है कि हमारे वैक्सीन निर्माता ना केवल भारत, बल्कि दुनिया के लिए किफायती और सुलभ वैक्सीन विकसित करेंगे।