रांची। विश्व रक्तदान दिवस पर रांची के धुर्वा स्थित स्वामी सहजानंद ब्रिजफोर्ड स्कूल के बच्चों ने 14 जून को ऑनलाइन के माध्यम से रक्तदान के प्रति अपनी जागरुकता फैलाई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित रक्त उत्पादों की जरूरत के बारे में जागरुकता बढ़ाना था। रक्तदान तब होता है, जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है। इस विषय पर कक्षा-चार, पांच और छह के बच्चों ने खूबसूरत पोस्टर बनाकर उस पर स्लोगन लिखा।
स्लोगन में ‘मानवता का पहला परिचय, रक्तदान’ ‘रक्तदान करो, स्वस्थ शरीर पाओ’, ‘रक्तदान जीवन की है, एक आस’, रक्तदान कर, बन जाओ महान।‘ वाक्य लिखे। स्लोगन के माध्यम से बच्चों ने यह जाना कि रक्त एक शरीर का एक ऐसा कंपोनेंट है, जिसे हम कृत्रिम तरीके से नहीं बना पाते हैं।

कक्षा सात के बच्चों ने विश्व रक्तदान दिवस से संबंधित विभिन्न प्रकार के बैज बनाएं। अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपहार स्वरूप दिया। कक्षा आठ के बच्चों ने रक्तदान की उपयोगिता के बारे में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि रक्तदान शरीर द्वारा रक्त बनाने की क्रिया को तीव्र कर देता है। इस अवसर पर बच्चों ने ऑनलाइन नाटक का मंचन किया। क्विज प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया।
इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका श्रीमती गुंजन भसीन ने कहा कि रक्तदान कर हम समाज की सेवा कर सकते हैं। यह बहुत ही पुण्य का कार्य है। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त नष्ट होते रहते हैं और नये बनते हैं। रक्तदान ना केवल कई जीवन बचाता है, बल्कि मानवता के बारे में पढ़ाने में मदद करता है। रक्तदान महादान है। प्रत्येक व्यक्ति को 6 महीने में एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए। रक्त प्राण रक्षक तो होता है, किंतु जीवन रक्षक वह व्यक्ति होता है, जो एक रक्तदाता होता है।