
सुनील कमल
हजारीबाग । झारखंड लोक सेवा आयोग ने राज्य के विश्वविद्यालयों में विभिन्न पदों पर पदाधिकारियों की नियुक्ति तहत प्रारम्भ कर दी है। अभ्यर्थियों को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर इंटरव्यू के लिए गुणा गुण मेरिट के अनुरूप पांच गुना बुलाया गया है। इस इंटरव्यू में कोई भी दिव्यांग अभ्यर्थियों को नहीं बुलाया गया है। ना ही उन्हें कोई आरक्षण दिया गया है।
आयोग राज्य के विश्वविद्यालयों में (विज्ञापन संख्या : 03/2020) के तहत नियुक्ति कर रहा है। झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग के संकल्प (पत्रांक : 7281/07/11/2007) एवं दिव्यांग अधिनियम के तहत दिव्यांग अभ्यर्थी गुना गुन मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में शामिल किए जायेंगे। हालांकि यहां आयोग ने पीएचडी डिग्री वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी इंटरव्यू में अब तक शामिल नहीं किया है।
इस बारे में राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्र को जानकारी मिली। उन्होंने नियुक्ति में दिव्यांगों को आरक्षण देने के लिए आयोग को पत्र लिखकर निर्देश भी दिए। बावजूद आयोग ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। राज्य के तमाम दिव्यांग अभ्यर्थी अपनी उपेक्षा से हलकान एवं परेशान हैं।