रांची। कोविड-19 की दूसरी लहर से मुकाबला करने और स्टेकहोल्डर्स को बेहतर बुनियादी चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए सीसीएल काम कर रहा है। इसी कड़ी में कंपनी प्रबंधन ने अपने सीएसआर योजना के अंतर्गत झारखंड के 8 जिलों के साथ हाल ही में लगभग 10 करोड़ रुपये का एमओयू किया है। इसमें 6.25 करोड़ रुपये संबंधित जिले को दिये जा चुके हैं।
सीसीएल के कमांड क्षेत्र में आने वाले रामगढ़ जिले के 130 बेड के कोविड केयर सेंटर में पीएसए (PSA) प्लांट स्थापित करने और 10 एचएफएनसी (HFNC) के लिए 99 लाख, लातेहार के 12-बेड आईसीयू में ऑक्सीजन सप्लाई पाइपलान के लिए 95 लाख, चतरा सदर अस्पताल में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने इत्यादि के लिए 95 लाख, बोकारो को डिजिटल कोविड सेंटर स्थापित करने और 4 हाईटेक ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त एंबुलेंस व 4 सेनिटाइजेशन वाहन आदि के लिए 99 लाख रुपये, गिरिडीह को 50 बी टाइप, 40 डी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर आदि के लिए 60 लाख, विभिन्न जरूतों के लिए पलामू को 50 लाख और हजारीबाग को 95 लाख रुपये के लिए एमओयू किये गये हैं। इससे कर्मचारी और वहां के निवासियों को कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाने में मदद मिल सकेगी।
झारखंड की राजधानी रांची में सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहे हैं। यहां संक्रमित मरीजों का निरंतर इलाज किया जा रहा है। कोविड अस्पताल के लिए दवा, 120 ऑक्सीजन सिलेंडर (बी टाईप) के लिए लगभग 7 लाख 8 हजार रुपये एमओयू के अंतर्गत खर्च किये जायेंगे।
कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के नेतृत्व में एवं सचिव (कोयला) डॉ अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल के मागदर्शन में कोयला कर्मी के सम्मिलित प्रयास से देश की उर्जा आवश्यकता को पूरा करने के साथ-साथ कोरोना को हराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। सीएमडी पीएम प्रसाद सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधक एवं उनकी टीम के साथ वचुर्अल बैठक कर निरंतर समन्वय कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रतिदिन लगभग 49 रैक कोयला प्रेषण किया जा रहा है।