जीवन देने के लिए बन रहे अस्‍पताल को अब सपोर्ट सिस्‍टम की जरूरत

झारखंड मुख्य समाचार सेहत
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। लोगों को नया जीवन देने के लिए अस्‍पताल बन रहा था। अब उसे खुद सपोर्ट सिस्‍टम की जरूरत पड़ गई है। जी हां, यहां बात हो रही है झारखंड के लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड मुख्यालय के बगल में करोड़ों की लागत से बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का।

जनता को मिलती बड़ी राहत

इस अस्‍पताल की क्षमता 100 बेड की थी। इसके निर्माण का शिलान्‍यास होने पर पूरे इलाके में खुशी का माहौल था। इस अस्पताल के खुलने से यहां की जनता को बड़ी राहत मिलती। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता। हालांकि सरकारी की उदासीनता की वजह से लोगों का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। दूसरो की जिंदगी बचाने वाली अस्‍पताल आज खुद बीमार होकर खंडहर में तब्दील होता दिखाई दे रहा है।

खुद बयां कर रही है तस्‍वीरें

डॉक्‍टरों को रहने के लिए यह घर बनाया जा रहा था। जब यह बनकर तैयार हुआ था, तब इसमें टाइल्स, मार्बल, कांच के ग्लास, बि‍जली, पानी सहित अन्‍य सुविधाएं थी। आज यहां से सभी खिड़की, दरवाजे गायब हो गये हैं। यह खंडहर में तब्दील हो गया है। यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है। असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है।

2009 में हुआ था शिलान्‍यास

इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास 2009 में तत्‍कालीन कांग्रेस में स्वास्थ्य मंत्री रहे भानुप्रताप शाही, पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने किया था। हालांकि सांसद रहते हुए डॉ रामेश्वर उरांव कभी योजना स्थल पर नहीं आए। अस्‍पताल बनाने के लिए 2009 में 2 करोड़ 56 लाख का बजट था। हालांकि सरकारी उदासीनता के कारण यह बनने से पहले ही यह अस्पताल मृत्‍यु शय्या पर पहुंच गया।