वेस्ट बोकारो। टाटा स्टील फाउंडेशन ने दिव्यांगजन के लिए एक विशेष स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन गुरुवार को किया, जिसमें उन्हें सहायक कृत्रिम अंग प्रदान किए गए। यह पहल जयपुर स्थित प्रतिष्ठित संस्था भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से की गई, जो दिव्यांगजन के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
शिविर में 16 दिव्यांगजन का व्यापक परीक्षण किया गया, जिसमें मेडिकल विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कर्मियों ने सहयोग दिया। परीक्षण के बाद, 11 लाभार्थियों को कृत्रिम अंग प्रदान किए गए। यह शिविर राजेंद्र नगर, घाटोटांड स्थित रिक्रिएशन क्लब में आयोजित किया गया।
यह शिविर टाटा स्टील फाउंडेशन की पब्लिक हेल्थ टीम के अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के परिणामस्वरूप आयोजित किया गया। इस सर्वे में रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड में 233 दिव्यांगजन की पहचान हुई, जिनमें से कई को कृत्रिम अंग या आजीविका सहायता की आवश्यकता थी।
सर्वेक्षण के आधार पर फाउंडेशन ने दिव्यांगजन के सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आजीविका समर्थन, जागरुकता कार्यक्रम और उन्हें सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल की। वहीं, कृत्रिम अंग प्रदान करने के लिए विश्वसनीय और समान विचारधारा वाले संगठनों का सहयोग आवश्यक था, जिसके तहत यह शिविर आयोजित किया गया।
बीएमवीएसएस, जयपुर के साथ लंबे समय से चले आ रहे सहयोग ने दिव्यांगजन के लिए कृत्रिम अंगों की बढ़ती जरूरत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। इसी का परिणाम वेस्ट बोकारो में आयोजित यह विशेष शिविर रहा, जहां पूरे दिन दिव्यांगजन को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए।
शिविर में लाभान्वित हुए दिव्यांगजन झारखंड के रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के विभिन्न गांवों से आए थे, जिनमें बडगांव, बंजी, कर्मा, टोपा, बारुघुटू मिडिल, बोंगाबर, दूधमटिया, भरेच नगर, ओरला और सोनडीहा शामिल हैं। इस दौरान सात कृत्रिम पैर, तीन कृत्रिम हाथ, दो वॉकिंग स्टिक और तीन बैसाखियां वितरित की गईं।
शिविर में वेस्ट बोकारो डिवीजन के जनरल मैनेज अनुराग दीक्षित और रक्षा दीक्षित के साथ चीफ कैपसिटी एन्हांसमेंट प्रोजेक्ट राजेश कुमार, सिक्योरिटी हेड अखिलेश कुमार एवं टाटा स्टील फाउंडेशन के अन्य सदस्य भी कार्यक्रम में शामिल हुए, जिनके सहयोग से यह दिनभर का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह पहला अवसर था जब वेस्ट बोकारो में इस प्रकार का शिविर आयोजित किया गया, जो पास के ब्लॉकों का गहन सर्वेक्षण करने और वहां रहने वाले समुदायों की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने के बाद आयोजित हुआ। फाउंडेशन का लक्ष्य इन प्रयासों को बढ़ाने का है। रामगढ़ जिले के बड़े क्षेत्र में ऐसे शिविर आयोजित करने की योजना है, ताकि दिव्यांगजन की पहचान की जा सके, उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके। उनकी सहायता की जा सके।
यह प्रयास टाटा स्टील फाउंडेशन की सबल टीम के विस्तार के रूप में सामने आया है, जो अब दिव्यांगजन के लिए एक समान और समावेशी दुनिया बनाने की दिशा में एक राष्ट्रीय परिवर्तन मॉडल के रूप में उभर रही है।
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