रांची। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा एवं बाल संप्रेक्षण गृह, डुमरदगा का निरीक्षण न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने 23 दिसंबर को किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन, डालसा सचिव कमलेश बेहरा, एलएडीसी चीफ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, एलएडीसी सहायक सौरभ पांडेय एवं वीरेद्र प्रताप, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर व अन्य पदाधिकारी, बाल संप्रेक्षण गृह के पदाधिकारी, पीएलवी व अन्य उपस्थित थे।
न्यायायुक्त ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में एन.आई.ओ.एस. एवं इग्नू के शिक्षा केंद्र का भी उद्घाटन किया। उन्होंने जेल में स्थित सभी वार्डों का निरीक्षण किया। जेल के कीचन का भी निरीक्षण किया। वहां के बंदियों की समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। जेल के बंदियों की समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए दिशा-निर्देश दिये। जेल में कियोस्क लगाने के लिए जेल सुप्रींटेंडेंट को भी निर्देश दिये।
संबंधित पदाधिकारियों से उन्होंने कहा कि कैदियों को भी सरकार की ओर मिलने वाली सुविधाएं पाने का हक है। हमें उनपर गहण मंथन करने की जरूरत है। हर हाल में उनको सुविधाओं से जोड़ा जाएं। बीमार होने पर उनका इलाज कराया जाय। इस संबंध में उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक माह में जेल अदालत के दिन ही अलग से मेडिकल कैंप की व्यवस्था जेल के अंदर की गयी है। इस संबंध में बुजुर्ग कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के लिए जेल प्रशासन को निर्देशित किया।
श्री पांडे ने कहा कि वैसे बंदी जिनकी जमानत हो चुकी है और वह बेल बॉड की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे है, तो शर्तों में परिवर्तन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची को आवेदन दे सकते है। इस संबंध में उनको निःशुल्क लिगल-एड-डिफेंश काउंसेल मुहैया कराया जायेगा, जो उनके लिए संबंधित कोर्ट में आगे की कार्रवाई करेंगे।
न्यायायुक्त ने कहा कि सजायफ्ता कैदी जिन्होंने अपील नहीं की है, उनके संबंध में भी यह कहा गया है कि वह अपील के लिए डालसा, रांची में आवेदन कर सकते है। वहां उन्हें मुफ्त में कानूनी सहायता एवं सरकारी खर्चे पर वकील उपलब्ध कराए जाएंगे।
न्यायायुक्त ने बाल संप्रेक्षण गृह डुमरदगा का भी निरीक्षण किया। वहां के बच्चों से मिलकर उनसे बातचीत की विधिक सहायता के संबंध में जानकारी दी। बच्चों को जमानत पर निकलने के बाद किसी भी आपराधिक कार्यों में संलिप्त नहीं होने की बात कही। उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने की बातें कहीं। वहां कार्यरत पीएलवी को निर्देश दिया कि सभी बच्चों के केस के स्टेटस की जानकारी अविलम्ब बच्चों से एवं उनके घरवालों से साझा करें। उन्हें डालसा, रांची से मिल रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी दें।
न्यायायुक्त ने बाल संप्रेक्षण गृह में स्थित मेडिकल क्लिनिक का भी निरीक्षण किया। इसके बाद बाल कैदियों के लिए बनाये गये कम्प्यूटर कक्ष का निरीक्षण भी किया। जल्द-से-जल्द कम्प्यूटर क्लास कराने के लिए संबंधित कर्मियों को दिशा-निर्देश भी दिये। अधिवक्ताओं को बैठने के लिए शेड बनाने की प्रक्रिया को जल्द-से-जल्द पूरा करने के लिए वहां उपस्थित डीसीपीओ के माध्यम से प्रशासन को निर्देश दिया। वीसी रूम का भी निरीक्षण किया।
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