श्रम कोड लागू करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले का एक्‍टू करेगा विरोध

झारखंड
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  • यूनिसंस के राष्‍ट्रीय पदधारियों की बैठक में लिया गया फैसला

रांची। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की नई सरकार ने अपने 100 दिनों के एजेंडे में श्रम कोड को लागू करने का फ़ैसला किया है। इसका ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू) पूरजोर विरोध करेगा। एक्टू की राष्ट्रीय परिषद्  सर्वप्रथम श्रम मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इस फैसले के खिलाफ लिखित पत्राचार कर लेबर कोड को निरस्त करने की मांग करेगा। इससे बात नहीं बनी तो 20 जुलाई से 9 अगस्त तक मजदूरों के बीच एक लाख हस्ताक्षर अभियान चलाकर विभिन्न राज्यों से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

उपरोक्त फ़ैसला 17 और 18 जून को दो दिनों तक बिहार के पटना में अयोजित एक्टू के राष्ट्रीय पदधारियों की बैठक में लिया गया। सभी श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम कोड के लागू होने पर मजदूरों को होने वाले समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। राष्ट्रीय पदधारियों की बैठक में थोड़े समय के लिए शमिल होकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मजदूर नेताओं से हालचाल जाना।

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि श्रम कानूनों में संशोधन कर चार लेबर कोड बनाए गए हैं, जो मजदूर वर्ग की गुलामी के दस्तावेज हैं। इसका हर स्तर पर कड़ा विरोध किया जाएगा। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में झारखंड से बैजनाथ मिस्त्री, बिकास सिंह, भुवनेश्वर केवट, कृष्णा सिंह मुख्य रूप से शमिल हुए।

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